आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पुजारी-ग्रंथी योजना शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत हर मंदिर के पुजारी तथा गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपए मानेदय दिया जाएगा। इस बीच खबर है कि मस्जिदों के इमामों को 17 महीने से वेतन नहीं मिला है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने वक्फ का पैसा रिलीज नहीं किया है। केजरीवाल की घोषणा पर दिल्ली कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि इमामों से बात तक नहीं कर रही सरकार। उनके लिए केजरीवाल के पास टाइम नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे मंगलवार को कनाट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करने जाएंगे, उसके बाद इस योजना की शुरुआत करेंगे। कल से ही योजना के तहत रजिस्ट्रेशन का कार्य शुरू हो जाएगा। कहा कि पुजारी रीति रिवाजों का पालन करते हुए पूजा कराते हैं, जिनकी तरफ आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
इस बीच कांग्रेस नेता और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में घोषित अलका लांबा ने अरविंद केजरीवाल पर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी , क्या यह सच नहीं है की दिल्ली की मस्जिदों के इमाम आपके घर के बाहर लगातार अपने 17 महीनों से ना मिल रहे वेतन को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं ? और आप ने उनसे मिलने से भी इंकार कर दिया है ??
आज आप “धर्म की राजनीति” में भाजपा से भी आगे निकलते हुए दिख रहे हैं , एक मंदिर के बाहर खड़े होकर आपने चुनावी घोषणा की है की मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को भी आप वेतन देंगे , दिल्ली में गिरजाघर भी हैं – शायद आप भूल गए या पादरियों के अधिक वोट नहीं हैं इसलिए उन्हें आप ने अपनी चुनावी घोषणा से बाहर रखा है ?
———–
मनमोहन सिंह का निधन भारत के लिए अपूरणीय क्षति : एपी पाठक
क्या आप बतायेंगे की पंजाब में धर्म से जुड़े लोगों को AamAadmiParty की सरकार कितना दे रही है? अगर नहीं दे रही तो क्यों नहीं दे रही हैं ? शायद वहाँ कोई चुनाव नहीं है इसलिए?
इस बीच ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रमुख साजिद रशीद ने कहा कि 17 महीने से इमामों को वेतन नहीं मिला है। सरकार वक्फ का पैसा रिलीज नहीं कर रही है। उन्होंने केजरीवाल से तुरत पैसा रिलीज करने की मांग की है। कहा कि वे इस संबंध में केजरीवाल तथा एलजी से मुलाकात करेंगे।