कारी सोहैब ने भाजपा सांसद का उड़ा दिया गर्दा
कारी सोहैब ने भाजपा सांसद राकेश सिन्हा का गर्दा उड़ा दिया। सिन्हा ने सोशल मीडिया में ओछी भाषा के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। सोहैब ने ऐसे उड़ाया गर्दा।
आज भाजपा के थिंक टैंक और सांसद प्रो. राकेश सिन्हा बुरे फंसे। उन्होंने ट्विट किया कि राजनीतिक विमर्श में ओछी भाषा के इस्तेमाल को इतिहास याद रखेगा। उनका इशारा प्रधानमंत्री के कल टीवी पर रो देने के बाद घड़ियालू आंसू जैसे हैशटैग चलने पर था।
युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी सोहैब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही पुराना ट्विट विकाल कर भाजपा सांसद को आईना दिखा दिया। सोहैब ने नरेंद्र मोदी का 2012 का एक ट्विट शेयर किया जिसमें मोदी ने कहा है- सोनिया बेन ने किसानों के लिए बहाए घड़ियाली आंसू। सोहैब ने मोदी का एक और ट्विट शेयर किया जिसमें मोदी अपनी सराहना कर रहे हैं और विरोधियों को घड़ियाली आंसू बहानेवाला बता रहे हैं।
एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने भी प्रो. सिन्हा को धोकर रख दिया। उन्होंने ट्विट किया-असल में गिरी हुई भाषा’ के राजनीतिक इस्तेमाल की शुरूआत कब हुई इसका कोई पुरातात्विक साक्ष्य तो नहीं है लेकिन ट्विटर की खुदाई से इस बात के पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं कि आज राजनीति में भाषाई शुचिता को लेकर जो रो रहे हैं, वे दरअसल शीशे के महल में सो रहे हैं।
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इस ट्विट के बाद उमा ने खुद प्रो. सिंह के दो पुराने ट्विट खोज कर शेयर कर दिया। एक में प्रो. सिन्हा तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कोलमोहन सिंह बता रहे हैं। उमा ने प्रो. सिन्हा का एक दूसरा पुराना ट्विट खोज निकाला जिसमें भाजपा सांसद कह रहे हैं-कांग्रेस को याद दिलाने के लिए- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अंतिम और लाचार मुगल शासक बहादुर शाह जफर से ज्यादा सम्मान नहीं पा सकते।
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उमा ने फिर ट्विट किया-और ऐसा एकाध ट्वीट नहीं है। कई हैं। राजनीतिक विरोध में देश के तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को ‘आखिरी और लाचार मुग़ल बादशाह’ भी कहा गया है! यहां बात सिर्फ़ राजनीति में भाषाई मर्यादा और शुचिता की हो रही है। शुक्रिया।