quranप्रतिशोध से बचने की शिक्षा देता है कुरआन

प्रतिशोध से बचने की शिक्षा देता है कुरआन

जो तुम्हें इंसाफ से भटका कर गलत राह की तरफ ले जाना चाहता है उससे भी नफरत ना करो. यह कुरआन की शिक्षा है.

अतिवादी विचारों के कुछ लोग गैरमुस्लिमों के खिलाफ हिंसा को जायज ठहराते हैं. वे ऐसा, मजहबी किताबों की गलत व्याख्या के आधार पर करते हैं. दर असल ये, वे लोग हैं जो कुरआन और पैगम्बर के निर्देशों के विपरीत काम करते हैं.

ईमान वाले, अल्लाह पर यकीन करते हैं और किसी के साथ नाइंसाफी की हिमायत नहीं करते. असल मायने में यही तकवा और परहेजगारी है. हर किसी के साथ अच्छा सुलूक करो और किसी के साथ नाइंसाफी और नफरत की इजाजत नहीं दिया जाना चाहिए. अल्लाह तुम्हारे हर अमल, हर व्यवहार जो तुम औरों के साथ करते हुए उसे बखूबी जानता है.

अगर कोई तुम्हारे लिए मस्जिद के दरवाजे बंद कर दे और तुम्हें गुनाह के लिए प्रेरित करे. तुम उससे भी नफरत ना करो. तुम अच्छाई के लिए एक दूसरे की मदद करो ना कि बुराई में किसी के साथ शरीक होओ. अल्लाह से डरो, अल्लाह सख्ती के साथ सजा देता है .

Also read  कुरआन किसी खास नस्ल नहीं बल्कि पूरी इंसानियत से मोहब्बत का पैगाम देता है

इस्लाम ने नफरत का खात्मा किया

पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अपने पूरे जीवनकाल में लोगों की यातना, प्रताड़ना और शोषण के साथ उनके आक्रमण को सहा लेकिन मक्का विजय के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मक्का वालों के साथ किसी भी किस्म की नाइंसाफी न हो. तब उन्होंने कहा- “आज का दिन दया का दिन है. आज अल्लाह कुरैश को सम्मानित करेगा”. जब कि उस समय उनके कुछ साथी नारा लगा रहे थे कि “आज मक्का वालों को सजा दी जायेगी, आज अल्लाह कुरैश को अपमानित करेगा”.

also read ; चरमपंथी विचारधारा पर क्या है कुरआन का नजरिया

प्रतिशोध की भावना से भरे अतिवादी विचारों के लोगों को पैगम्बर मोहम्मद साहब के तकवा व परहेजगारी, दयाभाव जैसे गुणों की याद दिलानी चाहिए, जिनके कारण दुनिया से नफरत और विभाजन का खात्मा हुआ और दुनिया में अमन कायम हुआ. यही इस्लाम की वास्तविक शिक्षा है.

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427