कतर ने माना, तालिबान से मिले थे भारत के प्रतिनिधि
कतर सरकार के प्रतिनिधि ने स्वीकार किया है कि भारतीय प्रतिनिधियों ने तालिबानी प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा।
काबुल पर तालिबानी कब्जे के 12 दिन हो गए, पर आज तक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के सामने आकर देश का स्टैंड नहीं रखा है। इस सवाल पर कांग्रेस सहित अनेक दल प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा कई दिनों से सवाल पूछ रहे थे कि सरकार के किसी प्रतिनिधि ने कतर में तालिबान से मुलाकात की है या नहीं? लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
इस बीच आज कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा ने ट्वीट करके बताया कि भारत सरकार के प्रतिनिधि ने कतर में तालिबान से मुलाकात की है। यह जानकारी खुद कतर सरकार के प्रतिनिधि ने सार्वजनिक की।
पवन खेड़ा ने ट्वीट किया-क़तार की सरकार के प्रतिनिधि ने सार्वजनिक किया कि भारत के प्रतिनिधि दोहा में तालिबान से मिले। कांग्रेस प्रवक्ता ने लगातार कई ट्वीट करके मोदी सरकार से कई सवाल पूछे, लेकिन किसी का बी जवाब सरकार ने नहीं दिया। खेड़ा ने ट्वीट किया-आपको दिख रहा था कि अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के हाथों में जा रहा था। फिर क्यूँ नहीं आपने ताज़िक, पंजशिरी व पख़्तूनों को मज़बूती दी? क्यूँ आपने इन तमाम दोस्तों को गँवा दिया जो इस संघर्ष में आपके साथ खड़े थे?अफगानिस्तान एक ज्वलंत उदाहरण बन गया है.. इस देश की.. मोदी सरकार की जो विफल विदेश नीति है.. उसका एक जीता जागता ज्वलंत उदहारण आज का अफगानिस्तान है!
उधर, अमेरिका ने दावा किया है कि काबुल धमाके के बाद भी वहां से लोगों को बाहर निकालने के लिए अभियान जारी है और 1200 से अधिक लोगों को बाहर निकाला गया है। वहीं, भारत के कितने लोग अब भी अफगानिस्तान में फंसे हैं, इसकी ठीकठीक पता नहीं है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार अफगानी महिला सांसद रंगीना करगर ने कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया। उन्हें वापस कर दिया गया।
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