राज्यपालों पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा आप आग से खेल रहे हैं
राज्यपालों पर SC की सख्त टिप्पणी, कहा आप आग से खेल रहे हैं। तमिलनाडु और पंजाब विधानसभा से पारित जन कल्याण के बिलों को रोकने पर कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्यपालों पर अब तक की सबसे सख्त टिप्पणी की है। पंजाब और तमिलनाडु विधानसभाओं से पारित बिलों को राज्यपाल द्वारा रोके जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जनता द्वारा चुनी गई विधानसभाओं से पारित बिलों को रोकने का राज्यपालों को अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि ये देश मान्य परंपराओं से चलता है। इस प्रकार पारित बिलों को रोकने पर कोर्ट ने राज्यपालों से कहा कि आप आग से खेल रहे हैं।
द हिंदू के पूर्व संपादक एन. राम ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने विधानसभा से पारित उन बिलों को रोक लिया, जो जन कल्याण से जुड़े थे। जनता को लाभ पहुंचानेवाली योजनाओं को रोका गया। राज्यपालों की यह प्रवृत्ति उन्हीं प्रदेशों में देखी जा रही है, जहां विपक्षी दल शासन में हैं। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि राज्यपालों द्वारा बिलों को रोका जाना संविधान विरोधी है, गैर कानूनी है। इनका राजनीतिक मकसद सिर्फ विपक्ष शासित राज्यों में खासकर जनहित के कार्यक्रमों तथा नीतियों को फेल करना है। ये ऐसा भाजपा नेतृत्व को खुश करने के लिए कर रहे हैं। वे सोचते हैं कि जनता द्वारा चुनी गई सरकारों के वे मालिक हैं। और बिलों को रोकने का उन्हें लाइसेंस प्राप्त है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के बिलों को अनिश्चित काल तक रोके रखना चिंता का विषय है।
About time these anti-constitutional, unlawful, mock-heroic antics of Governors whose political mission is to thwart the programmes and policies — especially welfare policies — of Opposition parties in the service of their BJP overlords, and who think they have licence to lord it…
— N. Ram (@nramind) November 10, 2023
एनडीटीवी ने लिखा है कि पंजाब सरकार और राज्यपाल के बीच गतिरोध को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में जो हो रहा है, हम उससे खुश नहीं हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है. सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई जारी है. सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने पर पंजाब के राज्यपाल पर नाखुशी जाहिर की और कहा, “आप आग से खेल रहे हैं. हमारा देश स्थापित परंपराओं पर चल रहा है और उनका पालन किया जाना चाहिए।
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