लोकसभा चुनाव में देश में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी हैं कांग्रेस के रकीबुल हुसैन। मीडिया में उनकी चर्चा कम है। मीडिया जानबूझ कर इंदौर से जीते शंकर ललवानी को सबसे अधिक मत से जीतने वाला बता रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि देश में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले रकीबुल हुसैन ही हैं।
इंदौर से भाजपा के शंकर ललवानी जीते हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी ने अंतिम समय में नाम वापस ले लिया था। किन दबावों में नाम वापस लिया, वह अलग कहानी है। उनके नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस ने नोटा में वोट डालने का अभियान चलाया। यहां ललवानी को 12,26,751 वोट मिले। नोटा में 2,18,674 वोट मिले। तीसरे स्थान पर बसपा को 51,659 वोट मिले। मीडिया का बड़ा वर्ग ललवानी को सर्वाधिक मतों से जीतने वाला बता रहा है। दरअसल वह बसपा से तुलना कर रहा है, और बता रहा है कि ललवानी 11 लाख वोट से जीते, जबकि नोटा से तुलना होनी चाहिए। नोटा दूसरे नंबर पर है। यहां ललवानी की जीत 10 लाख आठ हजार वोट से हुई है, जबकि रकीबुल की जीत 10 लाख 12 हजार वोट से हुई है।
रकीबुल हुसैन ने असम के धुबरी सीट पर एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को 10 लाख 12 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पराजित किया। अजमल ने राज्य में तीन प्रत्याशी खड़े किए थे। रकीबुल को 14, 71, 885 तथा अजमल को 4,59, 409 वोट मिले।
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अजमल के अलावा उनकी पार्टी को दो प्रत्याशी करीमनगर तथा नवगांव से थे। दोनों जगह एआईयूडीएफ की हार हुई। करीम नगर में कांग्रेस की हार का अंतर एआईयूडीएफ के वोट से कम था। यहां कांग्रेस के हाजी रशीद अहमद 18 हजार वोट से हार गए, जबकि यूडीएफ को 29, 205 वोट मिले। यहां भाजपा के कृपानाथ मल्लाह को 5, 45,094 वोट मिले, जबकि एआईयूडीएफ को 5, 26, 733 वोट मिले। यहां अजमल के प्रत्याशी नहीं होते, तो तांग्रेस की जीत पक्की थी। नवगांव में कांग्रेस को जीत मिला। यहां एआईयूडीएफ तीसरे नंबर पर रहा।