लालू का विरोध करनेवाले MLC रामबली की सदस्यता खत्म
लालू का विरोध करनेवाले MLC रामबली की सदस्यता खत्म। विधान परिषद के सभापति ने दिया फैसला। जाति गणना का विरोध करते हुए लालू को कहा था अतिपिछड़ा विरोधी।
राजद के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह की परिषद से सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने मंगलवार को यह निर्णय लिया। रामबली सिंह ने जाति गणना के परिणामों का विरोध किया था। उन्होंने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा विरोधी तक कहा था। एक खास जाति को अतिपिछड़ा से बाहर करने की मांग पर समस्तीपुर तक पदयात्रा भी की थी। उसी के बाद राजद के उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह ने रामबली सिंह की सदस्यता खत्म करने का आवेदन दिया था। उन पर दल विरोधी कार्य करने का आरोप लगाते हुए दल बदल कानून के तहत सदस्यता खत्म करने की मांग की गई थी, जिसके बाद सभापति ने दोंनो पक्षों की बात सुनी थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब उन्होंने आज निर्णय की घोषणा कर दी।
सभापति रामबली सिंह की सदस्यता खत्म करते हुए कहा कि इस मामले में वादी और प्रतिवादी दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (क) में नागरिकों को भाषण और अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार प्राप्त है, परंतु यदि कोई नागरिक किसी राजनीतिक दल के सदस्य की हैसियत से सदन का सदस्य है तो उसे अपने आचरण एवं व्यवहार से दल के अनुशासन, संविधान और नियम के अनुपालन हेतु सदैव तत्पर रहते हुए पुनीत कर्तव्य का निर्वहन भी सुनिश्चित करना चाहिए। इसलिए माननीय सदस्य प्रो. (डॉ.) रामबली सिंह के कृत्य, आचरण एवं व्यवहार से स्पष्ट है कि उन्होंने अपने मूल राजनीतिक दल, राष्ट्रीय जनता दल का स्वेच्छया परित्याग कर दिया है।
रामबली ने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर जिन जातियों को अतिपिछड़ा मानते थे, उसका पालन नहीं किया गया और राजनीतिक कारणों से अन्य जातियों को इस श्रेणी में शामिल कर दिया गया, जिससे अतिपिछड़ों को नुकसान हो रहा है।
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