Rape के आरोपी Wasim Rizvi पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
कुरान और इस्लाम विरोधी टिप्पणी से बदनामी झेल रहे Wasim Rizvi को अब (Rape) बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किये जाने की संभावना बढ़ती जा रही है.
तीन दिन पहले लखनऊ की जिला अदालत ने सआदतगंज थाना को आदेश दिया था कि वसीम रिजवी Wasim Rizvi के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करे.
कोर्ट ने 30 जून को दिए गए एक शिकायत पत्र को स्वीकार करते हुए थाना सआदतगंज को मुकदमा दर्ज कर तीन दिन के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है. वसीम रिजवी पर उनके ड्राइवर की पत्नी ने दुष्कर्म (Rape) का आरोप लगाया है.
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पीड़िता के मुताबिक, वसीम रिजवी उसके ड्राइवर पति को किसी काम के बहाने बाहर भेजकर यौन शोषण करते थे. महिला ने रिजवी पर अश्लील वीडियो और फोटो के जरिए धमकाने का भी आरोप लगाया है.
. महिला ने कहा कि जब वह इसे सहन नहीं कर सकी तो उसने आपबीती अपने पति को सुनाई. महिला के पति ने वसीम रिजवी से बात करने की कोशिश की तो उसके साथ भी मारपीट की गई. रेप पीड़िता के पति ने कहा कि आरोपी वसीम पिछले 6 महीने से उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म कर रहा था.
मंगलवार को कोर्ट ने पुलिस से सवाल किया कि महिला की शिकायत के बावजूद अभी तक केस दर्ज क्यों नहीं किया जा सका है. सआदतगंज के थाना प्रभारी बृजेश कुमार यादव ने बताया कि उन्हें कोर्ट के आदेश की जानकारी मिल गई और जल्द ही कार्रवाई होगी. वसीम रिजवी ने कहा कि उसका ड्राइवर उनके प्रतिद्वंद्वियों के साथ साठगांठ कर रहा था और उन्हें जानकारी दे रहा था.
कौन हैं वसीम रिजवी
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं वसीम रिजवी. उन्होंने पिछले दिनों अदालत में एक मामला दर्ज किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुरान की कम से कम 26 आयतें ऐसी हैं जो हिंसा को बढ़ावा देती हैं. उन्होने अदालत से आग्रह किया था कि इन आयतों को कुरान से हटाया जाये. कोर्ट ने इस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया था. रिजवी की इस करतूत से देश और दुनिया भर में कड़ी प्रतिक्रिया आयी थी. लखनऊ में शिया समुदाये के लोगों ने उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी. एक शख्स ने उनका सर कलम करने के लिए ग्यारह लाख रुपये का इनाम घोषित किया था जबकि शिया समुदाय ने वसीम की लाश को कब्रिस्तान में नहीं दफ्न करने का फैसला भी किया था. वसीम रिजवी भारतीय जनता पार्टी के चहेते वर्कर माने जाते हैं. कहा जाता है कि वह भाजपा और आरएसएस को खुश करने के लिए मुस्लिम और इस्लाम मुखालिफ बयान देते रहते हैं.