मोदीकाल में पहली बार बिहार में टूट गई BJP, अनुपस्थित रहे 6 MLA

मोदीकाल में पहली बार बिहार में टूट गई BJP, अनुपस्थित रहे 6 MLA। हर प्रदेश में विपक्ष को तोड़नेवाली भाजपा को तेजस्वी ने तोड़ दिया। 128 में 122 ही उपस्थित।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काल में पहली बार बिहार में भाजपा टूट गई। उसके तीन विधायक विश्वास मत के मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। जदयू के भी तीन विधायक अनुपस्थित रहे। सरकार के पास 128 मत थे, लेकिन उसके 122 विधायक ही उपस्थित रहे। तीन विधायक राजद के टूटे, जिससे सरकार के पक्ष में किसी तरह 125 विधायकों का समर्थन हासिल हो सका। इसके बावजूद वह सरकार अपने 128 के आंकड़े को छू नहीं सकी। भाजपा के जो तीन विधायक अनुपस्थित रहे उनके नाम हैं-रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिसरी लाल यादव। जदयू के संजीव कुमार तथा बीमा भारती भी अनुपस्थित रहे। उधर राजद से खेमा बदलने वालों के नाम हैं चेतन आनंद, नीलम देवी तथा प्रह्लाद यादव।

पहली बार भाजपा के विधायकों के टूटने का राजनीतिक संदेश यह है कि भाजपा अभेद्य किला नहीं है। बिहार के युवा नेता तेजस्वी यादव के सामने भाजपा पस्त दिखी। उसके भीतर तीन दिनों तक खलबली रही। पहली बार भाजपा को अपने विधायकों को गया शिफ्ट करना पड़ा। होटल में रखना पड़ा। फिर वहां से सारे विधायकों को एक साथ पटना लाना पड़ा। पिछले कई दिनों से भाजपा और जदयू खेमे में चिंता और परेशानी देखी जा रही थी। अब तक विपक्ष को परेशान करनेवाली भाजपा बिहार में खुद परेशान दिखी।

हाल यह हुआ कि आधी रात को बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तेजस्वी यादव के आवास पहुंच गए। यही नहीं सोमवार को बिहार विधानसभा परिसार भी पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी परेशान हो गए। खबर है कि उन्होंने भी जीतनराम मांझी से फोन पर बात की। भाजपा के तमाम दिग्गज नेता अपने विधायकों को टूटने से बचाने की कवायद करते दिखे।

पहली बार बिहार में भाजपा की टूट से यह भी स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी का जादू बिहार में पूरी तरह सफल नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी चुनावी जीत की गांरटी नहीं हैं। अब भी बिहार विधानसभा का कार्यकाल डेढ़ साल से ज्यादा है। जैसे-जैसे चुनाव की तिथि निकट आएगी, वैसे-वैसे यह टूटन बढ़ सकती है।

भले ही ही फिलहाल सरकार ने अपना बहुमत साबित कर दिया, लेकिन यह साफ दिख रहा है कि सरकार स्थिर नहीं रह पाएगी। नीतीश सरकार को इतना मामूली बहुमत है कि फिर कभी भी सरकार संकट में फंस सकती है।

हार कर भी जीते तेजस्वी, कर दिया एजेंडा सेट

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427