रवीश कुमार के गांव पहुंचे तेजस्वी, इस संवेदना के गहरे अर्थ
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रवीश कुमार के गांव पहुंचे। हाल में रवीश की माता का देहांत हो गया था। तेजस्वी ने दी श्रद्धांजलि। इस संवेदना के बहुत गहरे मायने।
कुमार अनिल
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पत्रकार रवीश कुमार के पूर्वी चंपारण स्थित जितवारपुर गांव पहुंचे। हाल में रवीश कुमार की माता का देहांत हो गया था। तेजस्वी ने श्रद्धांजलि दी। रवीश कुमार के घर उनकी माता के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के गहरे अर्थ हैं। किसी के घर दुख की घड़ी में साथ खड़ा होने वाले भाई समान होते हैं, मित्र समान होते हैं। लेकिन यहां बात इससे भी गहरी है।
खुद तेजस्वी ने ट्वीट करके कहा- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित, #बिहार की माटी के लाल, देश के निर्भीक, निष्पक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार जी की स्वर्गवासी माताजी की उनके पैतृक गाँव जितवारपुर, पूर्वी चंपारण में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित होकर दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
तेजस्वी के ट्वीट के तीन शब्दों पर गौर कीजिए-बिहार की माटी के लाल, निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकार। तेजस्वी ने ये तीनों शब्द रवीश कुमार के लिए विशेषण के तौर पर व्यक्ति किए हैं। तेजस्वी का रवीश कुमार के घर पहुंचने का अर्थ इन्हीं तीन शब्दों में समाहित है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित, #बिहार की माटी के लाल, देश के निर्भीक, निष्पक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री रवीश कुमार जी की स्वर्गवासी माताजी की उनके पैतृक गाँव जितवारपुर, पूर्वी चंपारण में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित होकर दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से… pic.twitter.com/8JMyCtSfnB
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 12, 2023
तेजस्वी यादव और रवीश कुमार दो क्षेत्र में सक्रिय हैं, पर दोनों का मकसद बहुत हद तक एक ही है। रवीश कुमार टीवी और मीडिया के अन्य माध्यमों के जरिये वही काम कर रहे हैं, जिसे तेजस्वी यादव अपने राजनीतिक अभियानों के जरिये कर रहे हैं। दोनों जनता के नकली मुद्दों को असली बनाने के प्रोपगेंडा के खिलाफ खड़े हैं। आज के दौर में यह बड़ी लड़ाई है, जो दोनों अपने-अपने ढंग से लड़ रहे हैं। रवीश बेरोजगारी, महंगाई से लेकर जनता के हर वास्तविक मुद्दे को उठाते हैं तथा हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव, नफरत की राजनीति को बेनकाब करते हैं। यही काम तेजस्वी अपनी राजनीति में कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव खुद भी केंद्रीय एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल के शिकार हैं। उनका परिवार व्यक्तिगत तौर पर आज के दौर में प्रोपगेंडा का शिकार है। तेजस्वी बार-बार कहते हैं कि भाजपा और संघ के आगे कभी लालू प्रसाद झुके नहीं। वे भी नहीं झुकेंगे। आप याद करिए रवीश कुमार केे खिलाफ किस तरह का झूठ फैला कर सच बताने की कोशिश की गई। लेकिन वे देश के संविधान, लोकतंत्र, राजनीति में नैतिकता के प्रखर प्रहरी की तरह डटे हैं। यही रवीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच एकता का आधार है। तेजस्वी के रवीश कुमार के गांव पहुंचने का अर्थ है कि देश, लोकतंत्र, संविधान बचाने की लड़ाई में जो लोग शामिल हैं, उन सबका साथ आना जरूरी है। तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ देश के विभिन्न प्रांतों में विभिन्न दलों के नोताओं से मिल रहे हैं। रवीश के घर पहुंच कर अपने अभियान को तेजस्वी ने विस्तार दिया है।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित, #बिहार की माटी के लाल, देश के निर्भीक, निष्पक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री रवीश कुमार जी की स्वर्गवासी माताजी की उनके पैतृक गाँव जितवारपुर, पूर्वी चंपारण में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित होकर दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से… pic.twitter.com/8JMyCtSfnB
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 12, 2023
ठाकरे और पवार से मिले नीतीश, ये है इसका राजनीतिक महत्व