चम्पारण वासियों की खुलेगी किस्मत, तैयार होगा Raxaul Airport
दरभंगा की तरह अब चम्पारण के लोग भी Raxaul Airport से हवाई सफर का लुत्फ उठा सकेंगे. उम्मीद है सरकार डीएम Sirshat Kapil Ashok की रिपोर्ट स्वीकार कर लेगी.
मौतिहारी से नेक मोहम्मद की रिपोर्ट
दर असल केंद्र सरकार ने पूर्वी चम्पराण के डीएम Sirshat Kapil Ashok को नर्देश दिया था कि वह मौजूदा बंद पड़े Raxaul Airport की विस्तृत रिपोर्ट दें. इस निर्देश के बाद काफी मेहनत के बाद शीर्षत कपिल अशोक ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
अगर सबकुछ समय के साथ आगे बढ़ा तो दरभंगा के बाद उत्तर बिहार में दूसरा एयरपोर्ट खुलने की पूरी उम्मीद है. इस एयरपोर्ट के बनने के बाद चम्पारण के दोनो जिलों और छपरा सीवान के साथ नेपाल के सीमावर्ती लोगों के लिए हवाई सफर आसान हो जायेगा.
गौरतलब है कि अनेक दशक से रक्सौल में डेढ़ सौ एकड़ भूमि में Raxaul Airport मौजूद है. यहां पर कभी छोटे विमान उतरते थे. लेकिन समय के साथ यह वीरान होता चला गया. इसकी दीवारें टूट गयी हैं. भवन जर्जर है. लोग इसमें खेती करते हैं तो कुछ हिस्सा चारागाह के तौर इस्तेमाल किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों से इसी जर्जर भवन में एसएसबी पनटोका का दफ्तर है.
नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के कारण रक्सौल सामरिक व व्यापारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. इसी बात को ध्यान में रखते हुे दशकों से यहां के लोगों की मांग रही है कि इस एयरपोर्ट को आपरेशनल बनाया जाये.
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जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद इस एयरपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर सरकार शीघ्र ही शुरू कर सकती है. पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने जिला राजस्व शाखा, मोतिहारी के माध्यम से निदेशक संचालक, सिविल विमानन निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, पटना हवाईअड्डा को पत्र लिखा गया है. पत्र में बताया गया है कि रक्सौल प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के मौजा में पांच जमाबंदी संख्या है। जिसमें कुल रकबा 152.775 एकड़ भूमि पूर्व से ही अर्जित की गयी है. हवाई अड्डा की जमाबंदी भारतीय विमान पत्तनन प्राधिकार के नाम से संधारित है. एयरपोर्ट की इस भूमि की पैमाइश अंचल अमीन से करायी गयी है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी हद तक यह हवाई अड्डा विमान सेवा शुरू करने के लायक है.
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हवाई अड्डा रक्सौल संबंधी प्राप्त प्रतिवेदन एवं हवाई अड्डा के लिए अर्जित भूमि की पैमाइश, नक्शा की प्रति इस पत्र के साथ भेजते हुए अनुरोध किया गया है कि रक्सौल हवाई अड्डा के निर्माण एवं संचालन हेतु आवश्यक अग्रेत्तर कार्रवाई करने की कृपा की जाये.
अगर सरकार ने इस परियोजना पर अमल कर दिया तो बिहार में पटना, गया और दरभंगा के बाद रक्सौल चौथा हवाई अड्डा के रूप में जाना जायेगा. हालांकि पूर्णिया और भागलपुर में भी हवाई अड्डे के लिए प्रयास किया जा रहा है लेकिन वहां भूमि अधिग्रहण चुनौती है. जबकि रक्सौल में पहले से ही डेढ़ सौ एकड़ जमीन अधिगृहित है. कुछ भूमि और अधिगृहित की जा सकती है.