राजद ने 200 यूनिट बिजली फ्री को बड़ा मुद्दा बना दिया है। स्मार्ट मीटर भी मुद्दा बन रहा है। भाजपा और जदयू के नेता इस सवाल पर फंसते दिखाई दे रहे हैं। दोनों दलों के पास इस बात के कोई जवाब नहीं है कि बिहार जैसे गरीब राज्य में बिजली इतनी महंगी क्यों है। कर्नाटक बिहार से हर मामले में आगे है, लेकिन वहां बिजली फ्री दी जा रही है। राजधानी दिल्ली में बिजली फ्री है, लेकिन बिहार में जबरदस्त वसूली की जा रही है।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने फिर दुहराया कि उनकी सरकार बनी, तो राज्य में 200 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। स्मीर्ट मीटर पर भी सवाल उठाए। स्मीर्ट मीटर बनाने वाली कंपनी और अधिकारियों की मिलीभगत की चर्चा की और कहा कि महंगे बिजली शुल्क से जनता परेशान है

तेजस्वी यादव के बिजली फ्री करने की घोषणा के बाद राजद के अन्य नेता भी इस मुद्दे पर जम कर बोल रहे हैं। याद रहे राजद ने पहले ही 65 प्रतिशत आरक्षण को मुद्दा बनाया है। हाल में इस सवाल पर पूरे बिहार में धरना-प्रदर्शन किया गया था। राजद का कहना है कि राज्य विधानसभा ने सभी दलों की सहमति से पिछड़े-दलितों का आरक्षण बढ़ा कर 65 प्रतिशत किया, लेकिन भाजपा ने कोर्ट में अपील करवा कर इसे बाधित किया। केंद्र में उनकी सरकार है, लेकिन वे पिछड़ों के हक के लिए केंद्र सरकार पर कोई दबाव नहीं डाल रहे। यदि संविधान की 9 वीं अनुसूची में इसे शामिल किया गया, तभी पिछड़ों-दलितों को उनका हक मिल सकेगा।

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बिजली के मुद्दे पर जदयू नेता इतना ही कहते हैं कि बिजली खर्च करिएगा, तो बिल तो देना होगा। वे यह नहीं बताते कि दिल्ली, कर्नाटक के साथ ही पड़ोसी राज्य झारखंड में भी बिजली फ्री है या बड़ी राहत दी जा रही है, लेकिन बिहार ने क्या गुनाह किया है कि डबल इंजन की सरकार के बावजूद बिजली सबसे अधिक दर पर खरीदनी पड़ रही है।

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By Editor


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