राजद-कांग्रेस ने पूछा, सेंट्रल विस्टा इमरजेंसी सेवा वर्क कैसे
पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है सेंट्रल विस्टा। नया संसद भवन भी बन रहा है। प्रोजेक्ट को इमरजेंसी सेवा घोषित कर दिया गया है। राजद, कांग्रेस ने उठाया सवाल।
दिल्ली के बाजार, सड़कें सूनी हैं। सिर्फ एंबुलेंस दौड़ रहे हैं। लॉकडाउन है। पिछले हफ्ते भर में दिल्ली में लगभग ढाई हजार लगों की मौत हो गई, पर भयानक दौर में भी सेंट्रल विस्टा का कार्य जारी है। राजद सांसद मनोज कुमार झा ने इस प्रोजेक्ट को अविलंब रोकने की मांग की है।
इससे पहले कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी 10 अप्रैल को इस प्रोजेक्ट को रोकने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इस प्रोजेक्ट की राशि को स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में लगाया जाना चाहिए।
अस्पतालों की लापरवाही पर बोली तो नूरी खान हुई गिरफ्तार
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट 3.2 किमी के दायरे में बन रहा है। इसके तहत कई पुराने भवन तोड़े जाएंगे और एक नया संसद भवन भी बनेगा। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री कर चुके हैं। नए संसद भवन पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
केंद्र सरकार इतनी राशि में राज्यों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन दे सकती थी। इतनी राशि से सैकड़ों ऑक्सीजन प्लांट खड़े हो सकते थे। लोग पूछ रहे हैं कि जब देश अपने सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है, तो इसे आपातकालीन सेवा घोषित करने की क्या जरूरत है?
भगत सिंह पर किताब लिखनेवाले ने पीएम का फोटो हटाने क्यों कहा
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. वी श्रीनिवास ने दो दिन पहले कहा था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की राशि से अगर ऑक्सीजन प्लांट तैयार होते, तो आज इतने लोगों की जान नहीं जाती।
स्क्रॉल इन की पत्रकार विजेता ललवानी ने ट्विट किया-हर निर्माण कार्य रोक दिया गया है। सिर्फ वहीं काम हो रहे हैं, जहां श्रमिक रहते हैं। लेकिन सेंट्रल विस्टा को आपात सेवा घोषित करके 180 वाहनों को इजाजत दी गई है। आज सोशल मीडिया पर सेंट्रल विस्टा ट्रेंड कर रहा है, जिसमें देशभर से लोग इसे रोकने की मांग कर रहे हैं।