राजद ने बताया, योगी ने दलित के घर खाना खाकर ऐसे किया अपमान
ढहते किले को बचाने आज योगी आदित्यनाथ दलित के घर खाना खाने पहुंचे। कहा जा रहा है कि उन्होंने खाना खाकर दिलतों को सम्मान दिया। राजद ने कही बड़ी बात।
आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दलित समर्थक के घर खाना खाने पहुंचे। इसे दलितों को सम्मान देना बताया जा रहा है। इस पर राजद ने कड़ा प्रतिवाद किया। किसी दलित के घर खाना कर सम्मान देना कहना ही उस दलित परिवार का अपमान है।
राजद ने ट्वीट किया- एक बलात्कार पीड़ित दलित बच्ची की लाश को अपनी जातिवादी पुलिस के हाथों कचड़े की भाँति पेट्रोल छींटकर जलवा देने वाला अगर यह सोचता है कि किसी दलित के घर खाना खा उसने दलितों का “उद्धार कर दिया”, सम्मान “दे दिया” तो इससे बड़ा दलितों का जातिसूचक अपमान और क्या हो सकता है??
अगर कोई किसी घर भोजन करने जाए, तो स्वाभाविक रूप से उसके घर के बर्तन में भोजन करता है, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने दलित के घर के बरतन में खाना नहीं खाया, बल्कि वीडियो में वे पत्तल में खाना खाते दिख रहे हैं। इस पर सोशल मीडिया में खूब लिखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह दलितों के प्रति अपमानजनक व्यवहार है। किसी के धर भोज में जाने पर पत्तल में खाना और बात है, लेकिन आप अकेले किसी के घर जाएं, तो कोई पत्तल में नहीं खाता। तो क्या दलित परिवार को अपने बरतन में खाना देने से मना किया गया था?
राजद ने ट्वीट के साथ वीडियो भी जारी किया है। राजद के ट्वीट के जवाब में संतोष कुमार उपाध्याय ने लिखा-खाना त घोटाते नइखे। वीडियो देखें, तो संतोष की बात में दम है। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि अपने मठ में दलितों को बुलाकर मठ के बर्तन में उन्हें खिलाते तो कोई बात थी। कई ने दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर योगी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
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