मांझी ने नीतीश मंत्रिमंडल से दिया इस्तीफा, बताया अजीब कारण
पूर्व CM जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें लालू प्रसाद ने एमएलसी बनया, नीतीश ने मंत्री और अब BJP संग चले।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे और हम पार्टी के अध्यक्ष संतोष मांझी ने नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उनके भाजपा के साथ जाने के पहले ही कयास लगाए जा रहे थे। जीतनराम मांझी गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात कर चुके थे। राजद और जदयू नेताओं ने कहा कि मांझी के अलग होने से महागठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उधर, उपेंद्र कुशवाहा ने मांझी के नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफे का स्वागत किया है।
ध्यान रहे, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के जरिये कई बार दावा किया गया कि जदयू टूट रहा है, लेकिन जदयू नहीं टूटा। उपेंद्र कुशवाहा 2020 चुनाव के बाद जदयू के साथ आए और फिर अलग हुए, लेकिन जदयू टूटा नहीं। इस बीच अमित शाह कई क्षेत्रीय दलों से संपर्क कर रहे हैं और बिखर चुके एनडीए को फिर से जीवित करने में लगे हैं। इसी उद्देश्य से उन्होंने दक्षिण भारत के कई दलों से संपर्क साधा है।
पहले जिस दल बदल को वैचारिक पतन माना जाता था, अब उसे बारगेनिंग जैसा सुंदर नाम दे दिया गया है। महाराष्ट्र में शिंदे शिव सेना से अलग हो कर भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री हैं। अब तक कि यह बड़ी बारगेनिंग है। अब देखना है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस बारगेनिंग में क्या हासिल किया है। उन्हें कितनी लोकसभा सीट भाजपा देती है। फिलहाल यह कठिन लग रहा है कि भाजपा 2025 चुनाव में मांझी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करेगी।
दस दिन बाद पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होनेवाली है। इस बैठक के लिए मांझी को आमंत्रित नहीं किया गया था। शायद जदयू-राजद को पता था कि मांझी एक बार फिर पाला बदल सकते हैं।
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