RRB NTPC : 36 घंटे में क्यों झुक गई मोदी सरकार

RRB NTPC रिजल्ट में धांधली के खिलाफ आंदोलन शुरू होने के 36 घंटे बाद ही मोदी सरकार झुक गई। इसकी वजह बिहार आंदोलन है या यूपी चुनाव?

कभी प्रधानमंत्री मोदी ने किसान आंदोलन और उसके समर्थकों का संसद में मजाक उड़ाते हुए उन्हें आंदोलनजीवी कहा था। भक्तों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी क्या-क्या नहीं कहा। एक साल में 700 किसान शहीद हो गए, तब मोदी सरकार ने अचानक तीन काले कृषि कानून वापस ले लिए। अब वही मोदी सरकार RRB NTPC रिजल्ट में धांधली के खिलाफ आंदोलन शुरू होने के महज 36 घंटे बाद ही झुक गई।

जिस रेलवे बोर्ड ने अभ्यर्थियों को धमकी दी और उन्हें अनुशासनहीन कहा। कहा कि आंदोलनकारियों को जिंदगीभर कोई नौकरी नहीं मिलेगी, वही कुछ देर बाद झुक गया। अब कहा गया है कि रिजल्ट पर विचार होगा। इसके लिए एक कमेटी भी बनेगी। अभ्यर्थियों की शिकायत सुनी जाएगी।

मोदी सरकार केवल 36 घंटे में झुक गई, तो इसके पीछे वजह क्या है? क्या बिहार आंदोलन के कारण सरकार झुकी या यूपी चुनाव के कारण? यह मान लेना खुद को धोखा देना होगा कि मोदी सरकार बिहार आंदोलन के कारण झुक गई। चार-पांच दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि 70 वर्षों में केवल अधिकार पर बात हुई है, अब अधिकार पर नहीं जनता को कर्तव्य पर बात करनी चाहिए। जाहिर है, प्रधानमंत्री मोदी आधिकार मांगनेवालों के विरुद्ध हैं। उनका जोर कर्तव्य पर है। वे झुके, तो इसकी प्रधान वजह यूपी का चुनाव है।

बिहार से शुरू हुआ आंदोलन कल प्रयागराज पहुंच गया था। वहां भी पुलिस ने लाठी चार्ज किया। हॉस्टलों में घुसकर पुलिस ने छात्रों को पीटा। अगर मोदी सरकार पीछे नहीं हटती, तो यह आंदोलन जल्द ही उनके लोकसभा क्षेत्र बनारस और दूसरे शहरों में फैल जाता। पहले से यूपी में भाजपा की हालत खराब है। किसान आंदोलनवाले इलाके में भाजपा प्रत्याशियों को गुस्सा झेलना पड़ रहा है। युवा आंदोलन फैलता, तो हालत क्या होती, इसकी कल्पना की जा सकती है।

इस बीच राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री का नाम लिये बगैर करारा हमाला किया। उन्होंने जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर रेल रोक कर प्रदर्शन करते, गणतंत्र दिवस मनाते युवाओं का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया-अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!

इधर, आंदोलन कर रहे चुवाओं का कहना है कि सरकार पहले विज्ञापन निकाल कर गवती स्वीकार करे। उसकी बातों पर कोई भरोसा नहीं है। वह वैकेंसी को 2024 लोकसभा चुनाव तक खींच कर ले जा सकती है।

RRB-NTPC : बिहार के चप्पे-चप्पे में क्यों फैला आंदोलन

By Editor


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