RRB NTPC : करतूत मोदी सरकार की भुगतेंगे नीतीश भी
RRB NTPC परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी की जिम्मेदार केंद्र की मोदी सरकार है, लेकिन संकट में फंस गए हैं नीतीश कुमार। आंदोलन को बल से कुचलना बढ़ाएगा रोष।
दशकों बाद पहली बार बिहार के युवा आंदोलन की राह पर उतर आए हैं। बिहारी युवाओं के लिए यह जीवन-मरण का प्रश्न है। बिहार में उद्योग-धंधे नहीं हैं। कृषि में रोजगार नहीं है। दूसरे प्रदेशों में नौकरी नहीं मिल रही। कहां जाएं, क्या करें बिहारी युवा। महंगाई भी युवाओं के उग्र होने की एक प्रमुख वजह है। महंगाई के कारण हर घर पहले ही मुश्किल में है। इन युवाओं को उम्मीद थी कि रेलवे में नौकर मिलने से वे पिता पर बोझ नहीं रहेंगे। घर की हालत सुधारने में मदद करेंगे। अब RRB NTPC की गड़बड़ी के कारण उनका सपना बिखर गया है।
आंदोलन पर जगह-जगह नीतीश सरकार की पुलिस लाठी चला रही है। दमन कर रही है। इससे युवकों का गुस्सा नीतीश सरकार के प्रति भी बढ़ेगा। संभव है आंदोलन लंबा खिंचे, तो जदयू के नेता आंदोलन के समर्थन में बयान दें और गड़बड़ी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताने की कोशिश करें। ऐसा किया, तो जदयू और भाजपा में तकरार का नया अध्याय खुल जाएगा।
उधर रेलवे भर्ती बोर्ड का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें आंदोलनकारियों को अनुशासनहीन बताया गया है। कहा गया है कि ये अनुशासनहीन आंदोलनकारी किसी भी नौकरी के योग्य नहीं हैं। इस बयान ने आग में घी का काम किया। आंदोलनकारी इसे धमकी मान रहे हैं। इससे रोष और भी बढ़ गया है। मुश्किल यह है कि इन युवाओं की मांग पर विचार करनेवाला कोई नहीं है। न केंद्र सरकार, रेल मंत्री और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समादान के लिए आगे आ रहे हैं। बिहार में जदयू-भाजपा की सरकार है। इसी गठबंधन की सरकार दिल्ली में है। डबल इंजन की सरकार चल रही है। कोई तो कहे कि वह केंद्र से बात करेगा। लेकिन समाधान के बजाय आंदोलन को अनुशासनहीन बताना एकतरफा बयान है। यह लाखों युवाओं की चिंता से मुंह मोड़ना है।
एक संभावना यह भी है कि समादान का रास्ता नहीं निकाला गया, तो बिहार से शुरू हुआ आंदोलन राष्ट्रव्यापी बन जाए।
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