आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हें बक्सर के पुलिस अधीक्षक से जान को खतरा है. राय ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधीक्षक ने दफ्तर में उन्हें अपमानित भी किया.
राय ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है.
माननीय मुख्यमंत्री,
बिहार सरकार
महोदय,
मैंने सूचना आवेदन पर सूचना नहीं मिलाने पर प्रथम अपील दायर की थी जिसके अपीलीय अधिकारी बक्सर केलिस अधीक्षक थे. अपीलीय अधिकारी ने निबंधित पत्र के माध्यम से 9 अक्तुबर 2017 को अपने कार्यालय में अपील पर सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने हेतु बुलाया था. सुनवाई के दौरान जब मैंने अपना पक्ष रखा तो वे कहने लगे कि- “तुम चुप रहो कुछ मत बोलो. पुलिस अधीक्षक को विभिन्न मदों में प्राप्त राशि की जानकारी नहीं दी जा सकती”. उनकी सूचना के अधिकार अधिनियम की जानकारी नहीं होने पर मैं मुस्कुरा दिया तो उन्होंने मुझे डांटना शुरू कर दिया – “यहाँ नाच हो रहा है कि हँस रहे हो” और काफी उग्र होकर बोलने लगे और इतना आक्रोशित हो गए थे कि मुझसे संबंधित दोनों फाइलों को टेबुल से फेंक दिए. अंत में मैंने यह कहकर कि आपके जैसे अधिकारी ही अपने पद की गरिमा के प्रतिकूल आचरण कर लोगों के मन में पुलिस-प्रशासन के प्रति अविश्वास और घृणा पैदा करते हैं वहां से खिसक लिया.
वास्तव में मुझे उस समय 2008 की घटना याद आ गई जब बक्सर के तत्कालीन जिलाधिकारी महोदय ने इसी तरह अपमानित कर मुझे अपने कार्यालय-कक्ष से 25000 रूपए प्रतिमाह रंगदारी माँगने का आरोप लगा गिरफ्तार करा दिया था. मेरी इन बातों की सच्चाई पुलिस-अधीक्षक महोदय के कार्यालय में cctv (अगर लगा हो) फूटेज की जाँच कर परखी जा सकती है. इतना ही नहीं बिना सूचना दिए ही उन्होंने पत्र भेज दिया कि सूचना दे दी गई है.
महोदय यह केवल मेरा अपमान नहीं बल्कि भारत-सरकार द्वारा लागू सूचना के अधिकार क़ानून का भी घोर अनादर है. ये महोदय स्वयं को विधायिका द्वारा पारित कानून से भी ऊपर मानते हैं. इनके इस तरह के रवैये से मुझे स्वयं पुलिस-अधीक्षक बक्सर से अपनी जान को खतरा है. ये स्थानीय अपराधियों से मिलकर मेरी हत्या करा सकते हैं.
अतः श्रीमान् से उचित कार्रवाई करने का निवेदन है.
विश्वासी-
शिव प्रकाश राय
गली नंबर-2, चरित्रवन, धोबीघाट
बक्सर (बिहार), पिन- 802102
मोबाइल- 9931290702