SaatRang : योगी को महंगा पड़ा अब्बाजान कहके मजाक उड़ाना
भारत में नफरत की आंधी कुछ कमजोर पड़ रही है। योगी ने अब्बाजान जैसे प्यारे शब्द का मजाक उड़ाया, पर यह उल्टा पड़ गया।
हिंदू-मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की राजनीति को अब जवाब मिलने लगा है। एर हफ्ता पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में लाखों लोगों से अल्लाह हु अकबर और हर-हर महादेव का नारा लगवा कर नफरत की राजनीति को प्रेम-सद्भाव की राजनीति से जवाब दिया था।
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और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अब्बाजान जैसे प्यारे शब्द का मजाक उड़ाना महंगा पड़ता दिख रहा है। सोशल मीडिया पर #AbbaJaan और !#HamareAbbaJaan ट्रेंड कर रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल एक सभा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले अब्बाजान कहनेवाले गरीबों का राशन हजम कर जाते थे। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पहली बार जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई और भाजपा ने जिस प्यारे शब्द अब्बाजान को सांप्रदायिक रंग देना चाहा, वह उल्टा पड़ गया।
देशभर के बुद्धिजीवी से लेकर राजनेता तक अपने-एपने पिता का फोटो शेयर करते हुए कह रहे हैं ये हैं हमारे अब्बाजान।
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि कल ही सुबह योगी आदित्यनाथ का इंडियन एक्सप्रेस अखबार में पहले पन्ने पर विज्ञापन छपा, जिसमें योगी आदित्यनाथ की बड़ी तस्वीर थी और साथ में ये यूपी के विकास को दिखानेवाले दो फोटो थे। एक सुंदर-सा फ्लाई ओवर और दूसरा फैक्ट्री में काम करते इंजीनियर। फ्लाई ओवर कोलकाता का ममता द्वारा बनाया मां फ्लाईओवर था। इसके बाद यूपी की योगी सरकार का लोग मजाक उड़ा रहे थे।
कोलकाता के अखबार ज टेलिग्राफ ने शीर्षक दिया-थैक्यू योगी बेटा : मां लेखिका सबा नकवी @_sabanaqv ने अपने पिता का होली खेलते फोटो ट्वीट किया और लिखा-महर्षि आश्रम में ये हैं मेरे अब्बाजान होली खेलते।
जनसत्ता के पूर्व संपादक और लेखक ओम थानवी ने अपने पिता का फोटो ट्वीट करते हुए मेरे अब्बाजान, श्री शिवरतन थानवी। स्मृतियाँ हरी हैं। #AbbaJaan ।
एक मैसेज काफी लोगों ने शेयर किया । उसका हिंदी रूपांतरण इस प्रकार है- अब्बा का अर्थ होता है पिताजी। जान का अर्थ होता है प्रिय। यह अत्यंत दुखद है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोचते हैं कि अब्बाजान जैसे प्यारे-से शब्द को Dog Whistle की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए। (Dog Whistle का शाब्दिक अर्थ कुत्तों को ट्रेनिंग देने के लिए उच्च स्वर में कहे गए शब्द होता है, लेकिन राजनीति में इस शब्द का इसेतमाल एक खास वर्ग को नीचा दिखाने के लिए किया जाता है।)
अब्बाजान शब्द का इस्तेमाल एक खास वर्ग के नागरिकों को अपमानित करने तथा इस प्यारे शब्द को गाली में बदल देने की कोशिश है। हर उस व्यक्ति को जो अपने पिता से प्यार करता है, उसे योगी आदित्यनाथ को जरूर बताना चाहिए कि क्यों अब्बाजान शब्द गाली नहीं बन सकता। आप अपने पिता का एक फोटो पोस्ट करें और अपने पिता की कहानी बताइए। आदित्यनाथ को बताइए कि माता-पिता से प्रेम का क्या अर्थ होता है।
राहुल सिंह गौतम @RahulSG99 ने अपने पिता के साथ भावुक क्षण का फोटो शेयर किया, जिसमें पिता अस्पताल में केमोथेरेपी के दौरान बेड पर लेटे हैं। @GOENKASH अशोक गोयनका ने बहुत सुंदर लिखा- अब्बा हो या पापा या बाबूजी या डैडी , होते सब जान ही हैं! #AbbaJaan
मनीषा ने अब्बाजान के साथ ही #mammajaan भी शेयर किया। माता-पिता दोनों के फोटो लगाए। लगता है सोशल मीडिया पर अब्बाजान और अम्माजान आंदोलन बन गया है। सही भी है, अगर लोग खड़े न हुए, तो जैसे जयश्रीराम एक वर्ग में भय पैदा करनेवाला शब्द बन गया है, तो उसी तरह हम अपनी मिट्टी का एक और खूबसूरत शब्द खो देंगे।