सुप्रीम कोर्ट ने संभल की मामले आदेश दिया कि निचली अदालत कोई कोई कार्रवाई न करे। सर्वे रिपोर्ट को भी खोला नहीं जाएगा। कोर्ट में अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। संभल शाही मस्जिद की कमेटी ने कल गुरुवारको सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में अपील की थी, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया। कोर्ट के इस निर्णय से लोगों ने फिलहाल राहत की सांस ली है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में एक बात पर जोर दी कि हर हाल में शांति सुनिश्चित की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा कि मुस्लिम पक्ष की याचिका फाइल होते ही तीन दिनों के भीतर सुनवाई करे। कोर्ट ने सरकार से कहा कि संभल में शांति बनाए रखें। दनों पक्षों की शांति कमेटी बनाई जाए।
संभल के सपा सांसद जियाफर रहमान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में आयोग बने, तभी न्याय मिल सकेगा।
उधर संसद में लगातार तीसरे दिन कोई काम-काज नहीं हो सका। पूरा विपक्ष अडानी पर धोखाधड़ी के आरोप के बाद गिरफ्तारी की मांग कर रहा है साथ ही संभल में हुई हिंसा पर चर्चा चाहता है। लेकिन दनों सदनों को शुक्रवार को स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार अडानी तथा संभल में हुई हिंसा पर चर्चा कराना नहीं चाहता, इसलिए सदन को नहीं चलने दे रहा है।
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पहले विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को स्थगित किया जाता था, इस बार स्थिति यह है कि कोई हंगामा नहीं हो रहा है, विपक्ष चाहता है कि संसद चले, लेकिन अडानी का नाम लेते ही कार्यवाही स्थगित कर दी जा रही है। संभल मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद है कि मुस्लिमों के अन्य धार्मिक स्थलों को लेकर भी निचली अदालतें कोई आदेश नहीं देंगी।