सम्राट चौधरी पर भड़के नीतीश, पूछा उसके बाप को इज्जत किसने दी
सम्राट चौधरी पर भड़के नीतीश, पूछा उसके बाप को इज्जत किसने दी। उसकी उम्र कम थी, पिता ने बनाया था मंत्री। रोज दल बदलता है। उसकी बात का वैल्यू नहीं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर भड़क गए। चौधरी ने कहा था कि लालू प्रसाद के दबाव में नीतीश कुमार ने यादवों और मुसलमानों की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए अन्य जातियों की संख्या कम कर दी। पत्रकारों ने चौधरी के इस हमले पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो मुख्यमंत्री भड़क गए। उन्होंने कहा कि किसकी बात करते हैं। उसके बाप को मैंने इज्जत दी। शुकनी चौधरी को सम्मान दिया। सम्राट चौधरी की उम्र कम थी, तब भी पिता ने मंत्री बनाया। वह कोई दल छोड़ा है क्या। उसकी बात का कोई वैल्यू नहीं है।
याद रहे कि लालू प्रसाद से अलग होकर नीतीश कुमार ने 1994 में समता पार्टी का गठन किया। बाद में कांग्रेस विधायक शकुनी चौधरी भी समता पार्टी में शामिल हो गए। नीतीश कुमार ने उन्हें 1998 में खगड़िया लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जिसमें वे विजयी रहे। नीतीश कुमार ने इसे ही याद दिलाया और कहा कि उनके पिता शकुनी चौधरी को इज्जत दी। हालांकि दो साल बाद ही शकुनी चौधरी समता पार्टी से अलग हो गए और राजद के टिकट पर विधायक बने। 2010 चुनाव में जदयू के प्रत्याशी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2015 में भी शकुनी चौधरी को जदयू के हाथों हार मिली। उसके बाद वे नीतीश कुमार के साथ आए, लेकिन फिर जीतनराम मांझी की पार्टी में शामिल गए। सम्राट चौधरी ने भी राजद से यात्रा शुरू की, फिर जदयू में गए, हम के साथ गए और 2017 में भाजपा में शामिल हुए।
नीतीश कुमार की तल्ख टिप्पणी के बाद सम्राट चौधरी ने कहा कि जब नीतीश कुमार हाफ पैंट हन कर घूमते थे, तब उनके पिता सेना में थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के जाति गणना का सवाल तल्ख रूप ले चुका है। जदयू भाजपा को पिछड़ा विरोधी, आरक्षण विरोधी कह रही है और भाजपा का कहना है कि जाति गणना में फर्जी ढंग से यादवों और मुसलमानों की संख्या बढ़ाई गई है। असली लड़ाई तो विधानसभा में होगी, जब नीतीश कुमार आरक्षण का कोटा बढ़ाने का प्रस्ताव लाएंगे।
नीतीश ने किया इशारा, आरक्षण का दायरा बढ़ाने की हो चुकी तैयारी