संयुक्त बिहार में पले-बढ़े सीबीआई के नए चीफ सुबोध जायसवाल
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई के नए निदेशक बनाए गए हैं। उनका जन्म अविभाजित बिहार के धनबाद में हुआ। 23 वर्ष की उम्र में बने थे आईपीएस।
सीबीआई के नए निदेशक बने हैं वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल। उनका जन्म 1962 में अविभाजित बिहार ( अब झारखंड) के धनबाद में हुआ। वे बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे। सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में वे आईपीएस बन गए। अपनी प्रतिभा और कार्य के प्रति समर्पण के कारण वे हमेशा आगे बढ़ते रहे। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी ने अबतक कई महत्वपूर्ण पदों पर सफलतापूर्वक अपनी जिम्मेवारी निभाई है। वे महाराष्ट्र के डीजीपी भी रह चुके हैं। रॉ में भी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभाई। 2019 में उन्हें उनकी शानदार सेवा के लिए राष्ट्रपति अवार्ड से भी नवाजा गया। फिलहाल वे सीआईएसएफ के चीफ थे।
इससे पहले कल सीबीआई के निदेशक पद की नियुक्ति के लिए आए नामों पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने कोर्ट के एक फैसले को याद दिलाया, जिसके अनुसार सीबीआई निदेशक पद पर उस अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो सकती, जो छह महीने में रिटायर होनेवाले हों। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते दो अफसरों एनआईए प्रमुख वाईसी मोदी और बीेेसएफ चीफ राकेश अस्थाना में किसी की भी सीबीआई प्रमुख पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी।
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मालूम हो कि सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री के नेतृत्ववाली उच्च स्तरीय कमेटी करती है, जिसमें उनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा में विपक्ष के नेता होते हैं। यहां यह गौर करनेवाली बात है कि सीबीआई के निदेशक पद पर नियुक्ति को लेकर पहली बार उस नियम का पालन किया गया, जिसे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने याद दिलाया। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चीफ जस्टिस के कथन का समर्थन किया, जिससे सीबीआई प्रमुख के पद पर नियुक्ति को लेकर सबसे आगे चल रहे नामों में से किसी का चयन नहीं किया जा सका।
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सीबीआई के नए निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल की नियुक्ति दो वर्षों के लिए की गई है। उनकी नियुक्ति से बिहार-झारखंड में अनेक लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी है।