संसदीय बोर्ड अध्यक्ष को भी नहीं पता RCP राज्यसभा जाएंगे या नहीं
बड़ा सस्पेंस! जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को भी नहीं पता कि केंद्र में मंत्री तथा पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP राज्यसभा जाएंगे या नहीं।
बिहार की राजनीति आज सबसे ज्यादा चर्चा आरसीपी सिंह के भविष्य को लेकर है। वे आज भी केंद्र में मंत्री हैं, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी के इतने कद्दावर नेता राज्यसभा में फिर से जाएंगे या नहीं, यह आज भी अनिश्चित है। कल तक जो दूसरों का टिकट बांटा करते थे, आज उनका अपना ही नाम सस्पेंस में है। शायद इसे ही कहते हैं आज की नई राजनीति। सबसे खास बात यह कि पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से जब पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को फिर से राज्यसभा भेजे जाने के बारे में सवाल किया, तो उनका जवाब था इंतजार करिए।
दलीय व्वस्था में संसदीय बोर्ड प्रमुख संस्था होती है। वही राज्यसभा या अन्य जनप्रतिनिधि संस्थाओं के लिए होनेवाले चुनाव में किसे प्रत्याशी बनाना है और किसी नहीं, इसका फैसला करता है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से पत्रकारों ने सवाल किया था कि आरसीपी सिंह को टिकट मिलेगा या नहीं। आरसीपी सिंह आज भी केंद्र में मंत्री है, कम से कम उनके नाम पर तो स्पष्टता होनी चाहिए। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा सिर्फ इतना ही बोल पाए कि इंतजार करिए। इसके दो अर्थ हो सकते हैं कि या तो उनके नाम पर फैसला हो चुका है, पर वे खुलासा नहीं करेंगे या उन्हें आरसीपी सिंह के भविष्य के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है।
इससे पहले कल जदयू ने राज्यसभा की एक सीट के लिए नाम की घोषणा कर दी। पार्टी ने महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र के निधन से खाली हुई सीट के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल हेगड़े के नाम का एलान कर दिया। लेकिन दूसरी सीट के लिए पूरा सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के लिए राज्यसभा की एक सीट की मांग कर दी है। उनकी मांग से एनडीए में नया पेंच फंस गया है। अभी तक एनडीए के कोई बड़े नेता मांजी से मिलने नहीं गए हैं।
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