सरकार ने सांसदों को संविधान की प्रति दी, उसमें सेकुलर शब्द गायब
सरकार ने सांसदों को संविधान की प्रति दी, उसमें सेकुलर शब्द गायब। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लगाया आरोप। संविधान पर हमला कहा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के एक आरोप से हंगामा हो गया। चौधरी ने कहा कि नए संसद भवन में प्रवेश के वक्त सांसदों को संविधान की प्रति दी गई। संविधान की जो प्रति दी गई है, उसकी प्रस्तावना (प्रिएंबल) से सेकुलर सोशलिस्ट शब्द गायब है। कांग्रेस नेता चौधरी ने संविधान से सेकुलर सोशलिस्ट शब्द को हटाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह संविधान पर हमला है। संविधान का प्रिएंबल संविधान की आत्मा है। उसी से सेकुलर सोशलिस्ट शब्द हटा दिया गया है।
अधीर रंजन के आरोप के बाद सरकार की तरफ से जवाब आया जिसमें कहा गया है कि हमने संविधान की कॉपी इसके मूल स्वरूप में दी है, जिसमें सेकुलर शब्द नहीं था। बाद में सेकुलर शब्द संविधान संशोधन के साथ जोड़ा गया। इस पर चौधरी ने कहा कि ठीक है कि सेकुलर शब्द बाद में जोड़ा गया, लेकिन आज वह सेकुलर शब्द संविधान का हिस्सा है। आज कोई संविधान की प्रति दे और उसमें सेकुलर शब्द न हो, तो इसे किस तरह उचित ठहराया जा सकता है। अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाया।
मालूम हो कि देश में कुछ लोग संविधान बदलने की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार समिति (ईएएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने एक अख़बार में नए संविधान की मांग करते हुए लेख लिखा था। उसके बाद से देश में चर्चा चल पड़ी। फिर कई संगठनों ने संविधान बदलने के प्रयासों पर प्रतिवाद किया और कहा कि संविधान को नहीं बदला जा सकता। इसमें संशोधऩ हो सकते हैं, पर इसे पूरी तरह नहीं बदला जा सकता। इस चर्चा के बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान से हंगामा हो गया है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सेकुलर शब्द हटाए जाने पर आपत्ति जताई है।
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