सत्ता से बाहर होने पर बिहार से खुन्नस निकाल रही भाजपा
नीतीश सरकार ने दरभंगा में एम्स के लिए केंद्र की मोदी सरकार को 151 एकड़ जमीन दी। केंद्र ने जमीन को नीचा बता लेने से मना किया। नीतीश ने दिया करारा जवाब।
बिहार के प्रति केंद्र की मोदी सरकार का रुख देखिए! राज्य की नीतीश सरकार ने दरभंगा में एम्स निर्माण के लिए केंद्र की मोदी सरकार को 151 एकड़ जमीन दी। अब केंद्र सरकार ने जमीन को नीचा (लो लैंड) बता कर लेने से इनकर कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार के इस रुख पर कहा कि एम्स बनवाने का मन नहीं है, तो बहाना बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दरभंगा में AIIMS निर्माण के लिए हमने अच्छी जमीन दी थी। हमने बेहतर जमीन उपलब्ध कराई गई थी। अब नहीं बनाना चाहते हैं तो मत बनाएं। उन्होंने कहा कि हम दरभंगा मेडिकल कॉलेज को ही बेहतर बनाएंगे।
मालूम हो कि राज्य सरकार ने दरभंगा के शोभन में 151 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को दी थी। अब केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि शोभन में जो जमीन दी गई है वह काफी लो लैंड एरिया है। इसे भरना कठिन काम है। पैसे एवं समय की बर्बादी होगी।
बिहार के लोग जानते हैं कि कहीं भी कोई निर्माण होता है, तो वहां मिट्टी भरनी पड़ती है। छपरा में रेल पहिया कारखना बना, वहां भी मिट्टी भरनी पड़ी। तब केंद्र में यूपीए सरकार थी और रेल मंत्री लालू प्रसाद थे।
दरभंगा में प्रस्तावित जमीन का निरीक्षण 27 अप्रैल को मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम ने की थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प्रस्तावित भूमि नीची है। इसे भरने में बहुत कठिनाई होगी। इधर, भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार नहीं चाहती कि एम्स निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को मिले, इसलिए वह अड़ंगा डाल रही है।
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