सावधान रहिए, कोरोना की नकली दवाएं भी बाजार में
जब सरकार व सिस्टम फेल हो जाता है, तो आपदा को अवसर बनानेवाले सक्रिय हो जाते हैं। परेशान लोग लुटने को मजबूर होते हैं। एक व्यक्ति कोरोना की नकली दवा बेच रहा था।
इस आपदा में लोगों की जान जा रही है, लोगों के काम छूट रहे हैं, व्यवसाय धीमे पड़ गए हैं, लेकिन इसी आपदा में कुछ कंपनियों के मुनाफे आसमान छू रहे हैं। अब आपदा को अवसर बनानेवालों ने कोरोना की नकली दवा भी बेचनी शुरू कर दी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार एक दवा बनानेवाली कंपनी के मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह दवा कंपनी वाला फर्जी रेमदेसिविर दवा बेच रहा था। पुलिस ने 400 रेमदेसिविर इंजेक्शन के साथ इस दवा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है।
राजद के थिंक टैंक संजय यादव ने लोगों को आगाह किया और ट्विट किया- गिरफ्तार महाशय का नाम विनय त्रिवेदी है। त्रिवेदी अर्थात तीन वेदों के ज्ञाता। ऋग्वेद, जुर्वेद और सामवेद के ज्ञाता। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब तीनों वेदों के ज्ञाता यह काम करेंगे, तो अनपढ़ गंवार क्या करेंगे, है कि नहीं?
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इससे पहले बाबा राम देव की कंपनी ने भी कोरोना की दवा इजाद करने का दावा किया था। उनके दावे पर भी सवाल उठे। हालांकि कई टीवी चैनलों ने खबर प्रसारित की कि बाबा रामदेव की दवा को डब्ल्यूएचओ ने स्वीकृति दे दी है। बाद में डब्ल्यूएचओ ने ऐसी किसी स्वीकृति से इनकार किया।
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लेकिन इंदौर के विनय त्रिवेदी ने नकली रेमदेसिविर दवा ही बेचनी शुरू कर दी। लोग इस दवा के न मिलने से परेशान हैं। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि त्रिवेदी ने कितने लोगों को नकली दवा बेची है। यह तो मरीज की जान से खिलवाड़ है। इसीलिए कोई भी ऐसी दवा खऱीदते समय सावधान रहें। दवा सही दुकान और रसीद के साथ खरीदें।