SC : 45 सौ मुस्लिमों के नहीं टूटेंगे घर, नहीं टूटेंगे मंदिर-मस्जिद
Supreme Court ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। हलद्वानी में 45 सौ मुस्लिम परिवारों के घरों, स्कूल-अस्पताल, मंदिर-मस्जिद पर बुलडोजर चलाने पर लगाई रोक।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय को पलटते हुए बड़ा फैसला दिया। अब हलद्वानी के 45 सौ मुस्लिम परिवारों के घर पर बुलडोजर नहीं चलेगा। उत्तराखंड की भाजपा सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बजाय बुलडोजर चलाने की तैयारी में थी। इसी बीच कांग्रेस सांसद और अल्पसंख्यक प्रोष्ठ के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी और सलमान खुर्शीद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। शीर्ष कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की तारीख दी थी और आज बड़ा फैसला सुनाते हुए हजारों लोगों को बेघर करने के फैसले पर रोक लगा दी।
मुस्लिम परिवार लगातार सड़क पर आंदोलन कर रहे थे। दो दिनों से हजारों महिलाओं ने सर्द रात में भी मोमबत्तियां जला कर विरोध किया। भाजपा समर्थक हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देकर घर तोड़ने के पक्ष में हवा बना रहे थे। उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दीऔर देश का गोदी मीडिया भी लैंड जिहाद के नाम पर मामले को हिंदू-मुस्लिम रंग दे रहा था। लेकिन यहां के सारे बाशिदें एकजुट रहे और वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना बेघर करने का विरोध करते रहे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन हजारों परिवारों में खुशी की लहर देखी जा सकती है। इमरान प्रतापगढ़ी ने फैसले के बाद कहा-ये न्याय की जीत है, इंसानियत की जीत है। हल्द्वानी के लोगों से सर से छत नहीं छीनी जायेगी, बच्चों के स्कूल नहीं टूटेंगे, अस्पताल नहीं टूटेगा, मंदिर मस्जिद धर्मशाला नहीं टूटेगी। शुक्रिया माननीय उच्चतम न्यायालय। सोशल मीडिया में प्रतापगढ़ी को उनके प्रयास के लिए हर तरफ से बधाई दी जा रही है।
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सुप्रीम कोर्ट ने बेघर करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए उत्तराखंड सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले में 7 फरवरी को फिर सुनवाई होगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि अब कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी। देखना है सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देता है।
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