SC : जाति जनगणना में अड़ंगा लगाने का मनसूबा हुआ ध्वस्त
बिहार में जाति जनगणना में अड़ंगा लगाने का भाजपा समर्थकों का मनसूबा हुआ फेल। सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया बड़ा फैसला। पिछड़ों- अतिपिछड़ों ने किया स्वागत।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऐतिहासिक निर्णय सुनाया। बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए जाति जनगणना पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 20 जनवरी तारीख तय की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने साफ निर्णय दिया और कहा कि जाति जनगणना पर रोक की याचिका पर वह सुनवाई नहीं करेगा। इस फैसले के साथ ही जातीय जनगणना पर से सारे बादल छंट गए। इस फैसले से राज्य के पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग में खुशी और संतोष देखा जा रहा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि हम तो पहले से कहते थे कि हमारा निर्णय सही है। सोशल मीडिया में लोग स्वागत कर रहे हैं।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में जाति जनगणना पर रोक लगाने की याचिका दायर होने पर भाजपा हमलावर थी कि राज्य सरकार ने बिना तैयारी के जाति जनगणना शुरू कर दी। भाजपा समर्थकों को उम्मीद थी कि जाति जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगा देगी। याचिका दायर होने पर सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर खूब हमले किए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्णय पर खबर लिखे जाने तक उन्होंने कुछ नहीं कहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि हम तो पहले से कहते थे कि हमारा निर्णय सही है। सरकार के पास सारे आंकड़े आ जाएंगे, तो राज्य में विकास की योजना बनाने में सुविधा होगी। जरूरतमंदों के लिए सरकार विशेष योजनाएं बना सकेगी।
इधर जदयू और राजद सहित महागठबंधन में शामिल दलों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा- शीर्ष न्यायालय के फैसले से भाजपा बेनकाब हो गई है। वह शुरू से हीं जातीय जनगणना के खिलाफ तरह तरह से अड़ंगेबाजी करती रही है और उसी के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया गया था जिसे खारिज कर शीर्ष न्यायालय द्वारा भाजपा के मंसूबे पर पानी फेर दिया गया है।