सेवा हेतु ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ को एपी पाठक ने किया चरितार्थ
गरीबों की सेवा के लिए चर्चित भारत सरकार में अधिकारी रहे और बाबू धाम ट्रस्ट के संस्थापक अजय प्रकाश पाठक ने जो वादा किया, उसे पुनः पूरा कर दिखाया।
आज जब पूरी दुनिया अपने हितों को साधने में लगी है उस समय एक इंसान ऐसा भी है जो अपना वादा पूरा करने के लिए सारे काम छोड़ कर आ गया। हम बात कर रहे हैं भारत सरकार में अधिकारी रहे और बाबू धाम ट्रस्ट के संस्थापक अजय प्रकाश पाठक की जिन्होंने कांग्रेस कार्यालय के मातहतों से किये वादों को पूरा करने के लिए दिल्ली से आ गए।
कुछ महीनों पहले अजय प्रकाश पाठक काँग्रेस कार्यालय गए। वहां उन्होंने मातहतों को सर्दियों में ठिठकते देखता। बातचीत के दौरान मातहतों ने पाठक से जर्मनी के आयातित जैकेट की मांग की। पाठक ने उनसे वादा किया कि वो सबको जैकेट देंगे।समय अपनी रफ्तार से निकलता गया और सब अपने काम मे लग गए।
मंगलवार को पाठक जब कांग्रेस कार्यालय पहुँचे तो इसकी उम्मीद किसी को नही थी।उन्होंने काँग्रेस कार्यालय पहुँच कर अपना वादा निभाते हुए सबको जैकेट गिफ्ट करने लगे।
ऐसे में जब कुछ पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप अपना वादा पूरा करने के लिए दिल्ली से आ गए तो उन्होंने कहा हम प्राण जाइ पर वचन ना जाई वाले संस्कृति से संबंध रखते हैं और वचन को जीवन की मौलिकता से जोड़ कर देखते हैं। इसी वचन को पुरा पिछले एक दशक से ज्यादा समय से गरीबों, जरूरतमंदों की चंपारण में सेवा करते आ रहे हैं। जैकेट पा कर सभी मातहतों ने गहरी खुशी जताई और पाठक के साथ फ़ोटो भी खिंचाई।
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