नीतीश के यसमैन बने सुशील मोदी को हटाने के बावजूद भाजपा उनके खिलाफ मजबूत चेहरा नहीं गढ़ पायी. अब तारकिशर व रेणु देवी के साथ शाहनवाज को कमान थमा दिया गया है.नीतीश के यसमैन बने सुशील मोदी को हटाने के बावजूद भाजपा उनके खिलाफ मजबूत चेहरा नहीं गढ़ पायी. अब तारकिशर व रेणु देवी के साथ शाहनवाज को कमान थमा दिया गया है.

रणनीति;नीतीश के खिलाफ BJP का बड़ा हथियार बनेंगे शाहनवाज

नीतीश के यसमैन बने सुशील मोदी को हटाने के बावजूद भाजपा उनके खिलाफ मजबूत चेहरा नहीं गढ़ पायी. अब तारकिशर व रेणु देवी के साथ शाहनवाज को कमान थमा दिया गया है.

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Irshadul Haque, Editor naukarshahi.com

बिहार विधान परिषद को दो सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और वीआईपी प्रमुख व मुकेश सहनी का चुना जाना तय है. उनके खिलाफ किसी और ने नामांकन नहीं भरा.

शाहनवाज हुसैन, सुशील मोदी द्वारा खाली की गयी सीट पर भाजपा का प्रतिनिधित्व करेंगे. मोदी को केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार से किनारा कर दिया है. आलाकमान को सूचना थी कि मोदी, नीतीश कुमार के यसमैन की भूमिका में रहते हैं. पार्टी, अपने स्वतंत्र पहचान को गढना और मजबूत करना चाहती है. इसके लिए उसने मोदी की जगह तारकिशोर और रेणु देवी को डबल उपमुख्यमंत्री तो बना दिया. लेकिन दो महीने में उनका प्रदर्शन कुछ ऐसा नहीं रहा कि मीडिया और जनता का ध्यान वे खीच पायें.

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ऐसे में भाजपा एक ऐसे तेज तर्रार चेहरे की तलाश में थी जो मीडिया में मजबूती से अपनी बात रख सके. साथ ही उसकी छवि भी राष्ट्रीय स्तर की हो. इस मामले में शाहनवाज हुसैन में पार्टी ने इन तमाम गुणों को देखा. शाहनवाज दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उनकी राष्ट्रीय पहचान है. मीडिया फ्रेंडली तो हैं ही.साथ ही मजबूती से अपनी बात मीडिया में रखने के लिए जाने जाते हैं. वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं.

शाहनवाज( Shahnawaz Hussain) को पार्टी ने नीतीश कुमार के समतुल्य खड़ा कर मीडिया में स्पेस बटोरने की कोशिश में है.

सरकार व मीडिया में नहीं दिखती भाजपा

आप को याद दिला दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में नयी सरकार के गठन के बाद ही पार्टी को आगाह किया था कि भाजपा बिहार में, सरकार में और मीडिया में दिखनी चाहिए. लेकिन नरेंद्र मोदी की इच्छा पिछले दो महीने में पूरी नहीं हुई. बिहार में अब तक सरकार का मतलब नीतीश कुमार औऱ जदयू ही रहे हैं. इसी कमी को पूरी करने के लिए भाजपा ने अपेक्षाकृत युवा और मीडिया फ्रेंडली चेहरे को बिहार में उतारा है.

इन तमाम बातों के अलावा, नीतीश कुमार और जदयू की तरफ से समय समय पर भाजपा को घेरने वाले बयान दिये जाते रहे हैं. इन बयानों में खास कर मुस्लिम से जुड़े मुद्दे उठा कर भाजपा को घेरने की कोशिश नीतीश कुमार औऱ उनकी पार्टी के अध्यक्ष आरसीपी सिंह द्वारा की जाती है. पिछले दिनों आरसीपी ने भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि उन्हें अपने नेता( नीतीश कुमार) के खिलाफ एक शब्द भी सुनना गवारा नहीं. साथ ही उन्होंने कहा था कि बिहार में एनआरसी लगाने का सवाल ही नहीं है. साथ ही उन्होंने लवजिहाद जैसे कानून को धार्मिक आजादी के खिलाफ बताया था. इसके बाद पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में भी इन मुद्दों को प्रस्ताव का हिस्सा बनाया गया था.

ऐसे में भाजपा ने नीतीश कुमार और जदयू को मुस्लिम मुद्दे पर भी भाजपा को घेरने का इंतजाम, शाहनवाज हुसैन के मार्फत करना चाहती है. वह एक मुस्लिम चेहरे को सामने ला कर नीतीश के मुस्लिम प्रेम के स्पेस को तंग करना चाहती है.

By Editor


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