‘शताब्दी–सम्मान‘से विभूषित किए जाएँगे देश के १०० विद्वान
साहित्य सम्मेलन में ९जून कोभव्य रूप में आयोजित होगा सम्मान समारोह
अंडमान से कश्मीर तक के विद्वानों का पटना में लगेगा महाकुंभ,आयोजित होगा राष्ट्रीय कवि–सम्मेलन
पटना,२२ अप्रैल। आगामी ९ जून को, बिहार की गौरवशाली साहित्यिक संस्था बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, देश के चुने हुए हिंदी–सेवी विद्वानों को, ‘साहित्य सम्मेलन शताब्दी–सम्मान‘से विभूषित किया जाएगा। सम्मेलन के शती–वर्ष में आयोजित इस सम्मान–समारोह में अंडमान निकोबार से लेकर कश्मीर और कन्याकुमारी से लेकर उत्तर–पूर्व के सभी प्रांतों से कमसेकम दो सबसे श्रेष्ठ चुने गए विद्वानों को यह सम्मान दिया जाएगा। सम्मानित सभी विद्वानों पर, ‘भारत के १०० मनीषी विद्वान‘ नामक एक पुस्तक का भी प्रकाशन होगा,जिसमें एक पृष्ठ परिचय और तीन पृष्ठ उनकी रचनाओं के लिए दिए जाएँगे। आयोजन के दूसरे खंड में ‘राष्ट्रीय कवि–सम्मेलन‘ का भी आयोजन होगा, जिसमें सम्मानित कविगण अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ करेंगे।
यह जानकारी, सोमवार की संध्या, सम्मेलन–सभागार में आयोजित एक संवाददाता–सम्मेलन में, साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने दी। डा सुलभ ने बताया कि,बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन की स्थापना के इस गौरवशाली शती–वर्ष में अनेक ऐतिहासिक महत्त्व के आयोजन होने जा रहे है,जो संपूर्ण भारतवर्ष के लिए, दृष्टांत सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि विगत २६ मार्च को देश की १०० विदुषियों का सम्मान कर,साहित्य सम्मेलन ने इतिहास रचा है, जिसकी संपूर्ण भारतवर्ष में हीं नही, विदेशों में भी व्यापक चर्चा हुई है। सम्मानित हुई विदुषियों पर, ‘भारत की १०० विदुषियाँ‘नामक पुस्तक का प्रकाशन किया जा रहा है, जिसका लोकार्पण मई के तीसरे सप्ताह में किया जाएगा। अगस्त में देश के १०० युवा साहित्यकारों को भी शताब्दी–सम्मान से विभूषित किया जाएगा,जिनमें युवतियाँ भी सम्मिलित होंगी। इस समारोह में भी प्रत्येक प्रांत से कमसेकम दो व्यक्तियों को सूची में अवश्य स्थान दिया जाएगा। इन पर भी ‘देश के १०० युवा साहित्यकार‘ नामक पुस्तक का प्रकाशन किया जाएगा।
डा सुलभ ने कहा कि विद्वानों से,आगामी ३० अप्रैल तक संस्तुतियाँ मँगाई गई है,जिसमें नामित विद्वान का विस्तृत परिचय, चित्र और ५ प्रतिनिधि रचनाएँ संलग्न करने का आग्रह किया गया है। अबतक अनेक सुख्यात विद्वानों की प्रविष्टियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। मई के प्रथम सप्ताह में, प्राप्त संस्तुतियों में से श्रेष्ठ १०० का चयन किया जाएगा।
संवाददाता–सम्मेलन में, साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्रनाथ गुप्त, डा शंकर प्रसाद, डा कल्याणी कुसुम सिंह, साहित्य मंत्री डा भूपेन्द्र कलसी,योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, राज कुमार प्रेमी, आचार्य आनंद किशोर शास्त्री, डा मेहता नगेंद्र सिंह, डा लक्ष्मी सिंह, डा पल्लवी विश्वास, डा पुष्पा जमुआर, डा विनय विष्णुपुरी, डा सुलक्ष्मी कुमारी, डा शालिनी पाण्डेय, डा नागेश्वर यादव, कृष्ण रंजन सिंह, श्रीकांत सत्यदर्शी, डा अमरनाथ प्रसाद, पं गणेश झा, नेहाल कुमार सिंह ‘निर्मल‘आदि उपस्थित थे।