Shelter Home Rape की रिपोर्टिंग पर रोक के खिलाफ अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया है.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने 23 अगस्त को मीडिया में रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी थी. इसके बाद सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफार्म पर इस मामले में पटना हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग उठी थी.
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यह याचिका अधिवक्ता फौजिया शकील के जरिये पत्रकार व सामिजक कार्यकर्ता निवेदिता शकील ने पटना हाईकोर्ट के आदेश के अमल पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा प्रेस की आजादी के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगाना अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के खिलाफ है. याचिका में हाईकोर्ट के आदेश को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में प्रदत्त अधिकारों पर सीधा कुठाराघात बताया गया है. साथ ही कहा गया है कि मीडिया के कारण ही यह घटना सामने आयी और जांच की रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगाया जाना सही नहीं है.
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर आश्रयगृह मामले की जांच की निगरानी हाईकोर्ट कर रहा है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई थी. इसके बाद बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था. इस बीच पटना हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद अदालत ने प्रेस को यह हिदायत दी थी कि वह शेल्टर होम बलात्कार मामले पर कोई रिपोर्टिंग ना कर. इसके बाद विभिन्न सामाजिक संगठन और मीडिया संगठनों ने अदालत के इस फैसले को अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध माना था और इसका विरोध शुरू हो गया था.