शिक्षक नियुक्तिपत्र देने से पहले इसलिए कलपा रही सरकार : गगन
परीक्षा में देरी, रिजल्ट में देरी, कोर्ट में उलझाना, सड़क पर पीटना यह सब वर्षों चला। अब नियुक्तिपत्र में आनाकानी। शिक्षकों को रुलाने के पीछे है बड़ी साजिश।
कभी आपने गौर किया कि सरकार शिक्षक नियुक्ति के मामले को इतना खींचती रही, उसका शिक्षक अभ्यर्थी या नियुक्तिपत्र का इंतजार कर रहे शिक्षक पर क्या असर पड़ा?
जो वर्षों की लड़ाई, सड़कों पर पुलिस के हाथों पिटने, अपमानित होने के बाद नियुक्तिपत्र के लिए टकटकी लगाए हैं, वे वही युवा नहीं हैं, जो पांच साल पहले थे। सरकार थकाकर, रुलाकर, कलपा कर, अपमानित करके नियुक्तिपत्र देगी, ताकि शिक्षक खुद को कभी राष्ट्र निर्माता महसूस नहीं कर सके। उसका स्वाभिमान खत्म हो जाए। वह यह माने की शिक्षक बनना उसकी योग्यता का परिणाम नहीं है, बल्कि सरकारी रहम है।
बिना स्वाभिमान वाले शिक्षक होंगे, तो वह बच्चों में स्वाभिमान कहां से पैदा करेगा। इस तरह सरकार की थका देनेवाली नीति दरअसल नागरिक की हत्या है। नागरिक को रेंगनेवाले जीव में बदलना है। राजद ने कहा कि शिक्षकों के सम्मान स्वाभिमान के लिए वह लड़ेगा। सरकार जिस तरह हर वर्ग को रुला रही है, उसका प्रतिवाद किया जाएगा।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बिहार सरकार की बहेद कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कई सवाल खड़े किए। उन्होंने पंचायत चुनाव के बाद नियुक्तिपत्र देने के औचित्य पर सवाल खड़ा किया है। कहा कि शिक्षक बहाली के नाम पर बिहार सरकार केवल तमाशा कर रही है। अबतक तो शिक्षकों की नियुक्ति न हो केवल इसी के बहाने तलाशे जा रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बहाली संबंधी विज्ञापन निकलने के एक लम्बे अन्तराल के बाद परीक्षा आयोजित की गई। लम्बे दिनों तक न्यायालय के नाम पर मामले को टाला जाता रहा। जब जून के प्रथम सप्ताह मे हीं न्यायालय द्वारा शिक्षकों की शीघ्र बहाली करने का निर्देश दिया गया तो शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस के सामने घोषणा की थी कि दो से तीन महीने के अन्दर शिक्षक बहाली की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी । यहाँ तक कह दिया कि सभी नवनियुक्त शिक्षक स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने विद्यालयों में झंडोत्तोलन करेंगे।
अबतक दो चरणों की काउंसलिंग हो चुकी है। पर इन्हें अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। दो चरणों के कौंसलिंग के बाद भी लगभग आधे पद रिक्त हैं। सरकार तह रही है कि पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। जबकि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पंचायत चुनाव आचार संहिता के दायरे में नहीं है। इसे सरकार भी स्वीकार चुकी है। सरकार अपने आचरण से खुद अपनी विश्वसनीयता खो रही है।
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राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षक के लाखों-लाख पद रिक्त है। विधालयों में शिक्षक नही है। और सरकार के गलत इरादों की वजह से टीईटी, एसटीईटी, सीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थी हतोत्साहित होकर सड़क पर धूल फांक रहे हैं। राजद प्रवक्ता ने कहा कि यदि सरकार की मंशा साफ है तो उसे रिक्तियों के विरूद्ध शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण सभी कैटेगरी के शिक्षक अभ्यर्थियों को विशेष अभियान चलाकर नियुक्ति पत्र देकर विधालयों में योगदान करावे जिससे बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके । कोरोना की वजह से यैसे हीं विधालयों में पढ़ाई काफी बाधित हो चुकी है।
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