शिवलिंग के दावे पर ट्वीट किया, तो DU के प्रो. रतनलाल पर हुई FIR
आजकल यह कहना बड़ा कठिन है कि किसके किस बात से किसकी धार्मिक भावना आहत हो जाए। दलित पिछड़ों के लिए मुखर डीयू के प्रो. रतन लाल पर हो गई एफआईआर।
दिल्ली विवि के हिंदू कॉलेज के प्रो. रतन लाल ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के दावे पर एक ट्वीट किया, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। प्रो. रतनलाल पर IPC section 295-A के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के उस ढांचे का फोटो शेयर किया, जिसके बारे में शिवलिंग होने का दावा किया गया है। उन्होंने लिखा कि अगर यह शिवलिंग है, तो लगता है, इसका खतना कर दिया गया है। प्रो. रतनलाल ने जैसे ही यह पोस्ट किया, सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इसके बाद उन्हें तरह-तरह की धमकी मिलने लगी। प्रो. रतन लाल ने एक वीडियो जारी करके बताया कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से अपील भी की है।
प्रो. रतन लाल के पोस्ट के बाद जहां उनके खिलाफ लोग लिख रहे हैं, वहीं दलितों-पिछड़ों का एक तबका प्रो. लाल के समर्थन में उतर आया है। वे ट्विटर पर #WesupportProfRatanlal ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर सक्रिय दिलीप मंडल ने कहा-#WesupportProfRatanlal क्योंकि ऐसा न किया गया तो संघी लोग बाबा साहब की किताब Annihilation of Caste, Riddles in Hinduism और महात्मा फुले की किताब गुलामगीरी को भी बैन करने की माँग करने लगेंगे। चार्वाक से लेकर कबीर, रैदास और बाबा साहब तक हिंदू धर्म की आलोचना की हमारी परंपरा है।
सोशल मीडिया पर लगातार आंबेडकर के विचारों को लोग शेयर कर रहे हैं। आंबेडकर का वह कथन कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र हो गया, तो वह दिन भारत के लिए विनाशकारी साबित होगा, को लगातार शेयर किया जा रहा है।
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