सोनिया की मीटिंग में तेजस्वी शामिल, अखिलेश ने किया किनारा
सोनिया गांधी की मीटिंग में 18 दल। तेजस्वी यादव साथ रहे। सोनिया बोलीं- हमें 2024 में ऐसी सरकार बनानी है, जो स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान पर विश्वास करे।
पेगासस जासूसी, महंगाई, किसान आंदोलन और रोजगार जैसे प्रमुख सवालों पर संसद के भीतर और बाहर जिस एकता की शुरुआत हुई है, उसे 2024 के लोकसभा चुनाव तक ले जाने के मकसद से आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। बैठक में 18 दलों के नेता शामिल हुए। बिहार की सबसे बड़ी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने इसमें हिस्सा लिया। वहीं सपा नेता अखिलेश यादव बैठक से दूर रहे।
बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्तालिन सहित चार मुख्यमंत्री शामिल हुए। एनसीपी प्रमुख शरद यादव ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि 2024 में हमें एक ऐसी सरकार बनानी है जो देश के स्वतंत्रता आंदोलन और उससे उपजे संविधान पर विश्वास करती हो। इसके लिए सारे दलों को अभी से मिल कर काम करना होगा। संघर्ष व्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से करना होगा। हम सबका अंतिम लक्ष्य 2024 होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम सब मिल कर काम करें, तो हम लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। बैठक ऑनलाइन हुई।
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सोनिया गांधी ने कहा कि आरक्षण के लिए ओबीसी जातियों की पहचान का अधिकार राज्यों को देने का मसला लंबित था, लेकिन विपक्षी दलों के लगातार दबाव से संविधान में संसोधन पारित हुआ। आजादी का 75 वां साल एक मौका है, हम फिर से स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के मूल्यों की हिफाजत के लिए संघर्ष का संकल्प करें। बैठक में ममता बनर्जी के शामिल होने से विपक्ष की एकता को नई ताकत मिली है। उद्धव ठाकरे की उपस्थिति भी खास मानी जा रही है। वहीं अखिलेश यादव के न शामिल होने को अगले साल उप्र राज्य विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
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