सोरेन बोले, कुपोषित बच्चों का अंडा मत हड़पिए मोदी जी
हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि दलित-आदिवासी कुपोषित बच्चों के लिए अंडों का पैसा आपने क्यों रोक रखा है? बच्चों का निवाला छीनना पाप होता है।
किसी भी धर्म, संस्कृति में बच्चे का निवाला छीनना पाप बताया गया है। आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे पत्र लिखकर पूछा कि झारखंड के गरीब दलित-आदिवासी बच्चों के लिए अंडे का पैसा आपने क्यों रोक रखा है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने NFHS-4 (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे) का हवाला देकर झारखंड में कुपोषण की तस्वीर दिखाई। बताया कि
–प्रदेश के छह वर्ष तक का दूसरा बच्चा कुपोषित है।
–45 प्रतिशत बच्चे मानक से कम वजन के हैं।
– 29 प्रतिश बच्चे जन्म के समय दुबले-पतले होते हैं।
–11.3 प्रतिशत बच्चे अति कुपोषण के शिकार हैं।
-40.3 प्रतिशत बच्चे अल्प विकसित हैं अर्थात कुपोषण के कारण उनके शरीर और मस्तिष्क का समुचित विकास नहीं है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि देश में कुपोषण के खिलाफ कार्यक्रम बना हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों को सामान्य आवंटन के अलावा अतिरिक्त राशि देने का प्रावधान है। वित्त आयोग ने झारखंड को अतिरिक्त 312 करोड़ रुपए देने की अनुशंसा की है। लेकिन यह राशि नहीं दी जा रही है।
झारखंड सरकार अपने पैसे से कुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार दे रही है। सरकार चाहती है कि वह इन बच्चों को अंडा दे, ताकि वे कुपोषण से मुक्त हों, उनका शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से हो, लेकिन केंद्र सरकार ने पैसे रोक रखे हैं, जिससे बच्चे अंडे और दूसरे प्रौटिनयुक्त भोजन से वंचित हो रहे हैं।
देश के बच्चे ही देश के भविष्य हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया है कि झारखंड में दलित और आदिवासी आबादी ज्यादा है और इनमें गरीबी के कारण बच्चे कुपोषित हैं।
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हेमंत सोरेन प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि राशि आवंटन के लिए जल्द संबंधित विभाग को निर्देश दें, ताकि राज्य सरकार कुपोषण को दूर कर सके।
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