झारखंड में इंडिया गठबंधन की हेमंत सोरेन सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया। साथ ही सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार करके हेमंत सोरेन ने भाजपा को तीन बड़े संदेश दे दिए हैं। चार महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव की दृष्टि से सोरेन के मंत्रिमंडल विस्तार का बड़ा महत्व है।
झारखंड में सोरेन सरकार के विश्वास मत के पक्ष में 45 वोट पड़े, जबकि विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा। भाजपा ने मत विभाजन के दौरान वॉक आउट किया। आज ही मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, जिसमें कुल 11 मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें झामुमो के छह, कांग्रेस के चार तथा राजद के एक विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी मंत्री बनाए गए हैं। उनके अलावा मिथलेश ठाकुर, हफीजुल हसन, बेबी देवी, रामेश्वर उरांव, बैजनाथ राम, बन्ना गुप्ता, डॉक्टर इरफान अंसारी, दीपिका पांडेय सिंह तथा सत्यानंद भोक्ता मंत्री बनाए गए हैं।
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हेमंत सोरेन ने खुद सरकार की कमान संभाल कर और अब मंत्रिमंडल का विस्तार करके भाजपा को तीन बड़े संदेश दिए हैं। पहला कि झारखंड विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन साथ चुनाव लड़ेगा। मंत्रिमंडल विस्तार में कोई परेशानी नहीं हुई। इससे आपसी एकता और समन्वय का संदेश दिया गया है। संदेश यह भी दिया गया है कि जिस प्रकार सोरेन को झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा गया, उससे आदिवासी समाज में गुस्सा है। सोरेन के प्रति सहानुभूति है और इंडिया गठबंधन इस सहानुभूति को चुनाव में वोट में तब्दील करेगा। तथा तीसरा संदेश भाजपा को यह दिया गया है कि गठबंधन सिर्फ सहानुभूति वोट के आसरे नहीं है, बल्कि चुनाव में बचे चार महीने में सोरेन सरकार बड़े फैसले लेनेवाली है। कई विभागों में नौकरियां दी जाएंगी तथा सरकार चुनाव से पहले कुछ बड़ी योजना शुरू करने की घोषणा कर सकती है। चार महीने में शासन को और भी बेहतर करके मध्य वर्ग को आकर्षित करने की कोशिश की जाएगी। कुल मिला कर सोमवार को इंडिया गठबंधन ने आक्रामक रुख का इजहार किया है और भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही है।
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