सुप्रीम कोर्ट ने मजिस्ट्रेटों को चेताया, गैर जरूरी जेल पर नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के मजिस्ट्रेटों को चेताया है। कहा जमानत देने में उसके फैसले का पालन नहीं हो रहा। अनावश्यक जेल भेजा जा रहा। पीड़ितों में उम्मीद जगी।
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के मजिस्ट्रेटों को इस बात के लिए चेताया है कि वे जमानत देने में उसके फैसले का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने यहां तक कहा कि ऐसे मजिस्ट्रेट को न्यायिक कार्य से हटा कर ट्रेनिंग में भेजा जा सकता है। कोर्ट के इस आब्जरवेशन से गैर जरूरी जेल में बंद पीड़ितों में उम्मीद जगी है कि वे बाहर निकल सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई की बेल देने के मामले में विस्तृत निर्णय देने, गाइडलाइन देने के बजाय उसका अनुपालन नहीं हो रहा है। इसके कारण जब जरूरी नहीं है, तब भी लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उसके फैसले का अनुपालन नहीं होने से लिटिगेशन (कोर्ट में न्यायिक कार्य, प्रोसिडिंग) के मामले बढ़ रहे है। मालूम हो कि इस बात पर कई बार चिंता जताई जा चुकी है कि देश की अदालतों में मुकदमों की संख्या बढ़ती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल, जसिट्स अहसानुद्दीन अमानुल्लाह तथा जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने आश्चर्य जताया कि पब्लिक प्रोसेक्यूटर्स कानून के खिलाफ सबमिशन दे रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक प्रोसेक्यूटर्स का यह कर्तव्य है कि वे कोर्ट में सही न्यायिक स्थिति रखें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट इस बात को देखे कि निचली अदालतें कानून का पालन करें। जमानत के मामले में ऐसे निर्णय देनेवाले को न्यायिक कार्य से हटा कर ट्रेनिंग में भेजे जाने की जरूरत है।
Supreme Court Warns Magistrates Who Don't Follow Judgments On Bail; Says They Might Be Taken Off From Judicial Work & Sent For Training @Sohini_Chow #SupremeCourt https://t.co/hb8F6aea67
— Live Law (@LiveLawIndia) March 21, 2023
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण सहित कई कानूनविदों ने सुप्रीम कोर्ट के इस ऑब्जरवेशन की खबर शेयर की है। हिंदी अखबारों ने इतनी महत्वपूर्ण खबर को गायब कर दिया है। जबकि लाइव लॉ ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इस बीच एक बड़ी खबर यह है कि सुप्रीम कोर्ट बिलकिस बानो केस में अलग बेंच गठित करने को तैयार हो गया है, जहां इस मामले की सुनवाई होगी। मालूम हो कि बिलकिस बानो के साथ 2002 में गैंगरेप हुआ था और आरोपियों को सजा पूरा करने से पहले ही रिहा कर दिया गयया था।
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