कमलनाथ मामला: निर्वाचन आयोग को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग द्वारा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के स्टार प्रचारक के दर्जे को समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है.
उच्चतम न्यायालय ने इसके साथ ही निर्वाचन आयोग से पूछा कि Representation of People Act (जनप्रतिनिधित्व कानून) के तहत आयोग के पास ये शक्ति कहाँ से आई कि वह यह तय करे कि पार्टी का नेता कौन होगा ?
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पिछले शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के पार्टी द्वारा दिए गए स्टार प्रचारक के दर्जे को रद्द कर दिया था. निर्वाचन आयोग ने उन्हें आचार-संहिता उल्लंघन मामले में उनपर कारवाई की थी. कमलनाथ ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग पार्टी के फैसलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता.
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सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ के स्टार प्रचारक के दर्जे को निर्वाचन आयोग द्वारा रद्द किये जाने पर निर्वाचन आयोग को कड़ी फटकार लगाई है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले पर चुनाव आयोग से सवाल किया। “चुनाव आयोग के पास यह निर्धारित करने की शक्ति कहाँ है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 77 के तहत किसी पार्टी का नेता कौन होगा?”
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निर्वाचन आयोग ने कमलनाथ को कांग्रेस पार्टी द्वारा ‘स्टार प्रचारक’ के दर्जे को रद्द कर दिया था. आयोग ने कमलनाथ को चुनाव प्रचार में ‘आइटम’ जैसे शब्दों का उपयोग करने को लेकर फटकार लगायी थी. कमलनाथ ने एक रैली में मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल किया था।