उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और कृषि कार्यों में डीजल के उपयोग को बंद करने के उद्देश्य से ठोस कदम उठा रही हैं।
श्री मोदी ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि बिहार सरकार राज्य में सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में ठोस कदम भी उठा रही है। उन्होंने बताया कि सिंचाई एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए किसानों की जरूरत को ध्यान मे रखते हुये सरकार सौर ऊर्जा से चलने वाले 30 हजार पंप उपलब्ध कराएगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 25 दिसंबर से पूरे राज्य में कृषि के लिए समर्पित बिजली फीडर उपलब्ध हो जाएगी। किसानों को फीडर के इस्तेमाल से प्रति यूनिट बिजली के लिए 75 पैसे की दर से भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि कृषि कार्य में किसानों की डीजल पर निर्भरता समाप्त करने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। इससे उपज की लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद से ऊर्जा क्षेत्र पर 99625 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
श्री मोदी ने कहा कि राज्य में कोषागारों के ऑनलाइन संचालन के लिए कदम उठाये गये हैं। एक बार ऑनलाइन कोषागार के शुरू होने से उप कोषागार की जरूरत नहीं रह जाएगी और अगले वर्ष अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से इसे बंद करना शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी विभागों को कार्यालय के इस्तेमाल की वस्तुएं जेम पोर्टल (गवर्नमेंट ई-मार्केटिंग) के जरिये खरीदने का निर्देश दिया गया है और चालू वित्त वर्ष में इस पोर्टल के माध्यम से 2000 करोड़ रुपये की खरीद किये जाने की उम्मीद है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सरकार के कार्यकाल वर्ष 1990 से 2005 तक बिहार की सड़कों की हालत बदतर रही। राजद सरकार ने अपने 15 वर्ष के कार्यकाल में सड़कों की स्थिति ठीक करने के लिए महज 6071 करोड़ रुपये खर्च किये जबकि राजग सरकार सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव पर एक लाख 30 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।