उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में फैले एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से हो रही बच्चों की मौत के मद्देनजर नवजात शिशुओं के लिए 100 बेड की आईसीयू और शोध केंद्र स्थापित करने के लिए 100 करोड़ देने तथा नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण के स्थान पर राज्य के पुराने मेडिकल कॉलेज को एम्स में परिवर्तित करने की मांग की।


श्री मोदी ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण की अध्यक्षता में हुई राज्यों के वित्तमंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक में मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में फैले एईएस से हो रही बच्चों की मौत के बाबत नवजात शिशुओं के लिए 100 बेड का गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) और इस बीमारी के अध्ययन के उद्देश्य से शोध केंद्र स्थापित करने के लिए 100 करोड़ देने की मांग की है। उन्होंने इसके अलावा नए एम्स के निर्माण के स्थान पर राज्य के पुराने मेडिकल कॉलेज को एम्स में परिवर्तित करने की भी मांग की।

उप मुख्यमंत्री ने ‘हर घर नल जल’ योजना के तहत पाइप से सभी घरों में जलापूर्ति पर मार्च, 2020 तक राज्य सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली 29400करोड़ रुपये की राशि को केन्द्र सरकार द्वारा रिम्बर्स करने की मांग की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी वर्ष 2024 तक सभी घरों में पाईप से पानी पहुंचाने का निर्णय लिया है जबकि उसके पहले ही यह योजना बिहार में पूरी हो जायेगी।

श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने वेतन मद में प्रति शिक्षक दिए जाने वाले 22500 रुपये को घटा कर प्राथमिक शिक्षकों के लिए 15 हजार रुपये और अपर प्राथमिक शिक्षकों के लिए 20 हजार रुपये कर दिया है। इसके कारण राज्य सरकार को सात हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में केन्द्र सरकार पूर्व की तरह प्रति शिक्षक वेतन मद में 22500 रुपये का भुगतान करें।

By Editor


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