मंत्रिपद के लिए बेताब सुमो को केंद्र ने थमाया झुनझुना
2020 में सुशील मोदी को बिहार मंत्रिमंडल से बाहर करने वाली भाजपा ने केंद्र में मंत्रिपद नहीं दिया था लेकिन अब वह एक नयी जिम्मेदारी मिलने से गदगद हैं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया है. उन्हें कार्मिक, लोकशिकायत, विधि एंव न्याय मंत्रालय की स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर अपनी नयी जिम्मेदारियों के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा है कि जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है तो स्थाई समितियां संबंधित विभागों के बजट और कामकाज की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट संसद में रखती हैं.
गौरतलब है कि पिछले 15 वर्षों से चल रही नीतीश सरकार में सुशील मोदी लगातार उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहा करते थे. लेकिन 2020 में बनी नयी सरकार में उनकी कुर्सी छीन ली गयी. बाद में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया. लेकिन केंद्र के मंत्रिमंडल विस्तार में उनको जगह नहीं दी गयी.
लेकिन अब उन्हें संसदीय समिति की अध्यक्षता सौंपी गयी है.
और मुझे ( सुशील कुमार मोदी) कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय मंत्रालय की स्थायी समिति की अध्यक्षता दी गई है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 10, 2021
जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, तब स्थायी समितियां संबंधित विभागों के बजट और कामकाज की गहन समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट संसद में रखती हैं।
सुशील मोदी के अलावा बिहार के सांसद राधामोहन सिंह, जो पिछली बार मोदी मंत्रिमंडल से हटा दिये गये थे, उन्हें रेलवे मंत्रालय की स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया ग मया है, जबकि संजय जायसवाल को जल संसाधन, ललन सिंह को ऊर्जा, रमा देवी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता से संबंधित स्थाई समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
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सुशील मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुझे ( सुशील कुमार मोदी) कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय मंत्रालय की स्थायी समिति की अध्यक्षता दी गई है।
उन्होंने अपनी नयी जिम्मेदारियों का बखान करते हुए लिखा है कि जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, तब स्थायी समितियां संबंधित विभागों के बजट और कामकाज की गहन समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट संसद में रखती हैं।