शिक्षक : 3 साल में नौकरी, 10 महीने में जांच, 4 माह से वेतन के लाले

जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं, वे फव्वारा और शिवलिंग की बहस कर रहे हैं और शिक्षक बेचारा उदास है। शिक्षक का पेट नहीं भरेगा, तो पढ़ाएगा क्या?

प्रतीकात्मक फोटो

हम अजीब दौर से गुजर रहे हैं। अपने हाथों अपने बच्चों के आगे अंधेरा परोस रहे हैं। बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को तीन-चार माह से वेतन नहीं मिला है। वे उदास हैं। उदास शिक्षक भला दिल लगा कर कैसे पढ़ाएगा? उनके लिए आवाज कौन उठाए? शिक्षक पढ़ाए या घर की चिंता करे या सड़क पर आंदोलन करे?

आज प्रेम प्रकाश कुमार ने शिक्षकों का दर्द उड़ेल कर रख दिया। कुछ सोचिए। प्रेम प्रकाश ने लिखा- नौकरी लगने में ही बीत गए 3 साल। अब दस महीनों से सर्टिफिकेट सत्यापन के नाम पर टाल-मटोल कर नवनियुक्त शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। आखिर नवनियुक्त शिक्षकों की 3 माह बाद भी वेतन भुगतान की प्रक्रिया अबतक शुरू क्यों नहीं की जा सकी है? आदरणीय सीएम @NitishKumar जी यह आप भी भलीभांति जानते हैं कि नवनियुक्त शिक्षकों को विद्यालय में योगदान किये हुए 3 महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन अबतक @BiharEducation_ विभाग द्वारा वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है!

उन्होंने आगे लिखा-एक शिक्षक को अपने वेतन पाने के लिए भी सरकार व शिक्षा विभाग से गुहार लगानी पड़ रही है। अब इससे बड़ी दुर्भाग्य उन शिक्षकों के लिए और क्या हो सकती है! @ravidinkar सर जैसा कि आपने निर्देशित किया है कि जिन नवनियुक्त शिक्षकों के सर्टिफिकेट की वेरिफिकेशन काम हो चुका है उन्हें वेतन का भुगतान किया जाए। महोदय 3 माह से अधिक हो गए किन्तु अबतक वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू नही की जा सकी है! प्रेम प्रकाश ने मार्मिक शब्दों में लिखा-इंसान को उसके पैर नहीं, उसका पेट चलाता है। #शिक्षकों_को_वेतन_दो सरकार …!

@Teacher_Point ने लिखा-सीधा सा सवाल है कि क्या दूसरे विभाग में नौकरी करने के तीन महीने बाद तक वेतन नहीं दिया जाता है? तो फिर इतनी लेटलतीफी शिक्षक के वेतन में ही क्यों?

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By Editor


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