तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन
मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के खिलाफ आज देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। पटना में अनेक महिला संगठनों ने प्रदर्शन किया।
गुजरात पुलिस द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के विरोध में बुद्ध स्मृति पार्क के सामने महिला संगठनों द्वारा जोशपूर्ण प्रदर्शन किया गया. इस विरोध प्रदर्शन में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा), बिहार महिला समाज, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला असोशियेशन (एपवा), आल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन (ए.आई.एम.एस.एस) मेक ए न्यू लाइफ फ़ौंडेशन, जन जागरण शक्ति संगठन, इंसाफ मंच से जुडी दर्जनों महिलायें प्रदर्शन में शामिल हुईं.
शनिवार को गुजरात पुलिस द्वारा बिना वारंट के तीस्ता को उनके मुंबई स्थित आवास से जबरन गिरफ्तार किया गया. उनके साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गयी जिसके विरुद्ध तीस्ता ने मुंबई के सान्ताक्रुज़ पुलिस स्टशन में शिकायत दर्ज करायी है.
महिला संगठनों ने कहा कि मोदी सरकार तानाशाही रवैये के साथ काम कर रही है और अपने विरोधियों को झूठे मुक़दमे कर जेल में डालती है. इसके अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं. उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ पिछले बीस सालों से बिना थके गुजारत दंगो में पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का काम कर रही हैं. वह एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और उन्होंने पूरी इमानदारी के साथ जाकिया जाफरी का केस लड़ा. चूंकि जाकिया जाफरी ने सीधे नरेंद्र मोदी, जो गुजरात दंगे के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री थे, के खिलाफ आरोप लगाया है, मोदी जी इसे बर्दाश्त नहीं कर सके हैं और गुजरात पुलिस तीस्ता जैसे जुझारू मानवधिकार कार्यकर्ता के पीछे पड़ गयी है. ज्ञात हो कि जाकिया जाफरी के पति पूर्व सांसद एहसान जाफरी की 2002 में गुजरात दंगे के दौरान हत्या कर दी गयी थी और तभी से जाकिया जाफरी इन्साफ के लिए भटक रही हैं.
महिला संगठन की नेत्रियों ने जाकिया जाफरी के सुप्रीम कोर्ट में दायर केस (जिसमे उन्होंने आरोप लगाया कि 2002 का गुजरात दंगा गुजरात सरकार की एक साजिश थी) में कोर्ट की उस टिपण्णी पर आपत्ति जाहिर की जिसमे कोर्ट द्वारा कहा गया कि केस करने वाले लोगों पर जांच हो. गुजरात सरकार ने कोर्ट की इसी टिपण्णी के आलोक में तीस्ता सीतलवाड़ और आ.बी.श्रीकुमार के विरुद्ध जालसाजी का ऍफ़.आई.आर दायर का गिरफ्तार किया है. महिलाओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट दुनिया में न्याय की नयी परिभाषा गढ़ रहा है जहां केस के फैसले में पीड़ित पक्ष को ही आरोपी बनाया जा रहा है.
आन्दोलन में शामिल संगठनों ने डीजीपी रैंक के सेवानिवृत पुलिस अधिकारी आर.बी.श्रीकुमार के गिरफ्तारी की भी भर्त्सना की है. श्रीकुमार ने गुजरात दंगे पर गठित नानावती कमीशन को गुजरात दंगे में सरकार के शामिल होने का दावा किया था और बहुत सारे खुलासे किये थे.
प्रदर्शनकारियों ने तीस्ता सीतलवाड़ और आर.बी.श्रीकुमार को अविलम्ब रहा करने की मांग की. विरोध प्रदर्शन में रामपरी, निवेदिता झा, मीना तिवारी, मोना, तबस्सुम अली, अनामिका, आसमा खान , चंद्रकांता, जया, सरोज चौबे , शशि यादव, शाइस्ता अंजुम, वीना देवी, नीलू फातिमा, बेला मल्लिक, सरिता पाण्डेय, सुनिता कुमारी अर्चना, अपराजिता सहित दर्जनों महिलाएं शामिल हुई.
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