डॉक्टर को समाज का बेहतरीन दिमाग माना जाता है.वे जान बचा कर फरिश्ते बन जाते हैं. ये फरिश्ते आज तेजस्वी के मुरीद बन गये.
तेजस्वी यादव भारतीय राजनीति में युनिक प्रयोग करते हुए बिहार झारखंड और यूपी के ऐसे सैकड़ों इंट्रोप्रेन्योर युवा डॉक्टरों के साथ डॉक्टर्स डायलॉग ( Doctors Dailogue) में रू ब रू थे जिनके हाथों में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का भविष्य है.
राजद चिकित्सा प्रकोष्ठ की पहल पर आयोजित Doctors Dailogue का एक कमाल यह भी था कि जिन डॉक्टरों को राज्य सरकार से स्वास्थ्य सेवा सुधारने की उम्मीद होती है, वे नेता प्रतिपक्ष में आशा की किरण देख रहे हैं. इन होनहार डॉक्टरों के पास अनगिनत युनिक आइडियाज हैं जिन पर अगर अमल किया जाये तो देश की सर्वाधिक चौपट स्वास्थ्य सेवा वाले बिहार में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है. तेजस्वी ने इन डाक्टरों के आइडियाज को न सिर्फ गौर से सुना बल्कि वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने डाक्टरों से कहा कि वे अपने आइडियाज को प्रोजेक्ट के फार्मेट में ले कर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आयें.
डाक्टरों की यह बैठक राजद के पटना स्थित कार्यालय में ऐसे समय में आयोजित की गयी है जब हाल ही में नीति आयोग ने बिहार की स्वास्थ्य सेवा को देश की सबसे चौपट घोषित किया है.
डाक्टरों ने उन कारणों को भी गिनाया कि क्यों लाख कोशिश के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार नहीं हो पाता. इन डाक्टरों ने कहा कि उन्होंने ये राय राज्य सरकार को अनेक बार दी है लेकिन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय उनके कार्यों की सराहना तो करते हैं पर उनकी राय पर अमल नहीं करते.
During any epidemic, people of Bihar cry and suffer, helplessly watch their loved ones dying in front of their eyes while this cruel Nitish Govt & its health department heartlessly keeps looking on the other side, managing media rather than the system or the miserable situation! https://t.co/BtVM2ym9Wq
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 2, 2021
घंटे भर से अधिक देर तक चले इस डायलाग में तेजस्वी ने यहां तक कहा कि उनकी पार्टी उनके सुझावों को राज्यसभा से ले कर विधान सभा में उठायेगी. अगर सरकार ने उस पर अमल नहीं किया तो उन्होंने यह भी डाक्टरों से अपील की कि वे उनके लिए आंदोलन करने को तैयार हैं और पुलिस की लाठी खाने के लिए भी तैयार हैं.
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उन्होंने कहा कि कोड की पहली लहर के बाद सरकार के पास पूरा समय था सरकार चाहती तो व्यवस्था मे सुधार कर सकती थी मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया जिसके कारण आधारभूत संरचना यथा ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, वेंटिलेटर ऑपरेटर, डॉक्टर, बेड एंव अन्य सुविधा मुहैया की जा सकती थी।लॉक डाउन के समय सारी व्यवस्था की जा सकती थी।उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर , नर्स एवं चिकित्सा कर्मियों को भर्ती करने की ज़रूरत है।
तेजस्वी ने कहा कि यह आयोजन अपनी तरह का पहला आयोजन है।इस से पहले किसी राजनीतिक दल ने इस तरह का आयोजन नही किया है।उन्होंने कहा कि विभिन क्षेत्रों के लोगों को भी राजनीति मे अवसर देंगे।हमारी सरकार बनती है तो संबंधित चिकित्सा क्षेत्र के लोगों से राय विचार कर नीति का निर्धारण करेंगे।
इस अवसर पर प्रदेश राजद अध्यक्ष श्री जगदानंद सिंह, श्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, श्री आलोक मेहता, श्री श्याम रजक, श्री उदयनारायण चौधरी, श्री बृषण पटेल, श्री भोला यादव,राज्यसभा सांसद यथा श्री अहमद अशफाक करीम श्री मनोज झा, विधायक श्री मोहमद शमीम, श्री शक्ति यादव सहित अनेको राजद के वरिष्ट नेता उपस्थित थे