बिहार महागठबंधन के चैयरमैन तथा राजद नेता तेजस्वी यादव ने अतिपिछड़ों के राज्य भर से चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। उन्होंने सबकी बातें सुनीं और बता दिया कि इस बार चुनाव में अतिपिछड़ों की भूमिका निर्णायक होगी। साथ ही किस मुद्दे पर अतिपिछड़ों को संगठित करना है यह भी बता दिया। इससे पहले वे कह चुके हैं कि इस बार चुनाव में अतिपिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों को कई गुना ज्यादा टिकट दिया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने अतिपिछड़े वर्ग के प्रबुद्ध प्रतिनिधियों को संबोधितच करते हुए कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग के उत्थान, विकास, बेहतरी और कल्याण के लिए हम दृढ़ संकल्पित है। NDA सरकार हमारे कार्यकाल में बढ़ायी गयी 65% आरक्षण सीमा को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं कर इस वर्ग को अत्यधिक नुक़सान कर रही है। अतिपिछड़ा/पिछड़ा और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्गों की लाखों नौकरियां को भाजपाइयों द्वारा शातिराना तरीके से छिना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भ्रष्ट भूंजा चौकड़ी मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठकर अतिपिछड़ों के विरुद्ध कार्य कर रही है।
हम इस जुल्मी NDA सरकार को घुटनों पर बल रेंकने पर मजबूर करेंगे और आबादी के अनुपात में आरक्षण बढ़ाएंगे तथा अंत में ये एनडीए-भाजपा के लोग हमारी ही खींची लकीर पर चलेंगे, जैसा कि जातिगत जनगणना समेत अनेक मुद्दों पर ये हमें फॉलो करते आए हैं।
इधर भाजपा ने अभी तक यह घोषित नहीं किया है कि चुनाव जीतने की स्थिति में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। इससे नीचे तक यह संदेश गया है कि भाजपा नीतीश कुमार की राजनीति को खत्म करना चाहती है। नीतीश खुद भी बीमार हैं। इस स्थिति में अतिपिछड़ों के भीतर भवि,य की राजनीति को लेकर चिंता है और वे राजद की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं।