तेजस्वी ने नीतीश कुमार के सबसे बड़े नारे की निकाल दी हवा
16 साल पहले लालू प्रसाद के सामाजिक न्याय के समानांतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास का नारा दिया था। आज तेजस्वी ने हवा निकाल दी।
कुमार अनिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के सामाजिक न्याय के बरअक्स न्याय के साथ विकास का नारा दिया था, जिसे वे बार-बार दुहराते रहे हैं। वे यह बताने की कोशिश करते रहे हैं कि लालू के ‘सामाजिक न्याय’ में भेदभाव है और उनके नारे ‘न्याय के साथ विकास’ में सबको बराबर मान मिलता है।
आज विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ब्रांड नीतीश के सबसे बड़े और प्रमुख नारे की हवा निकाल दी। तेजस्वी ने पूछा कि सांप के डंसने पर सरकार चार लाख मुआवजा देती है और कश्मीर में ऋषिदेव. साह और पासवान मारे गए, तो सिर्फ दो लाख मुआवजा क्यों?
तेजस्वी ने कहा कि कश्मीर में आतंकी हमले से बचाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। जिसकी सरकार केंद्र में है, उसी की बिहार में भी है। इसलिए कश्मीर में बिहारियों की मौत की उपेक्षा क्यों? तेजस्वी ने इसके साथ ही बिहार में रोजगार का सवाल भी उठाया कि रोटी के लिए बिहारियों को परदेस में कमाने जाना पड़ता है, यह शर्मनाक है। बिहार में मजदूरी भी नहीं मिलती, इसलिए मजदूरों को पलायन करना पड़ता है। तेजस्वी ने न्याय के साथ विकास नारे पर व्यंग्य करते हुए कहा कि यग अन्याय के साथ विनाश है।
तेजस्वी ने ट्वीट किया- सर्पदंश और ठनके से मौत पर बिहार सरकार 4 लाख का मुआवज़ा देती है, लेकिन सरकार की नाकामी के कारण पलायन कर रोजी-रोटी के लिए बाहर गए बिहारी श्रमवीरों को आतंकवादियों द्वारा मारे जाने पर 2 लाख रुपए देती है। गजब! “अन्याय के साथ विनाश” ही नीतीश-भाजपा सरकार का मूल मंत्र है।
मालूम हो किएक हफ्ते में भागलपुर के वीरेंद्र पासवान, बांका के अरविंद कुमार साह, अररिया के राजा ऋषिदेव और योगेंद्र ऋषिदेव की आतंकियों ने हत्या कर दी।
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