तेजस्वी ने तोड़ दी पुरानी छवि, भूमिहारों के सम्मेलन में पहुंचे
आज तेजस्वी यादव ने राजद की पुरानी छवि तोड़ दी। वे परशुराम जयंती के बड़े कार्यक्रम में पहुंचे। कहा, आप साथ देंगे, तो हम भी हाथ न छोड़ेंगे।
कुमार अनिल
बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव कम से कम दो वर्षों से पार्टी की पुरानी एम-वाई वाली छवि से बाहर निकलने का प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने राजद को ए टू जेड की पार्टी बनाने का कई बार एलान भी किया है। कोशिश भी करते दिखे हैं। आज उस दिशा में तेजस्वी यादव को एक बड़ा मंच मिला और उन्होंने भी दिल खोल कर हिस्सा लिया। मौका था पटना में परशुराम जयंती का। बापू सभागार में प्रदेश भर के भूमिहार खासकर युवा भूमिहार जुटे थे। इसके आयोजनकर्ता थे आशुतोष कुमार। तेजस्वी यादव ने खुलकर कहा कि अगर आप साथ देंगे, तो हम भी कभी पीछे नहीं हटेंगे।
आज की परशुराम जयंती में तेजस्वी को बुलाया जाना ही खास बात है, जो बताती है कि बिहार के सवर्णों का मिजाज बदल रहा है। यह कार्यक्रम दो साल पहले होता, तो इसके मुख्य वक्ता स्वाभाविक रूप से कोई भाजपा नेता होते, लेकिन आज समय बदल गया है। इस बदलाव की झलक बोचहा उपचुनाव में मिली थी, जहां राजद ने वह सीट एनडीए से छीन ली और भाजपा को भारी अंतर से हराया। वहां भूमिहारों ने राजद के पक्ष में अच्छा वोट किया। बोचहा ने भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजा दी है, जो समझती है कि भूमिहार को रोजगार न मिले, काम न मिले, तब भी वोट हार कर भाजपा को ही देगा।
आज तेजस्वी यादव ने परशुराम जयंती में भगवान परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया और ईद की सभी को शुभकामनाएं दी। कहा कि जब हम समाजवाद और सामाजिक न्याय की बात करते है तो यह सबको साथ लेकर चलने का सिद्धांत, नीति और विचार है। सामाजिक न्याय का का मतलब किसी को Exclude करने का नहीं बल्कि सबको Include कर आगे बढ़ने का है।
तेजस्वी ने आगे कहा-अगर हम सब वर्गों की समता,समानता,संपन्नता और बेहतरी की बात करते है तो क्या यह गलत है? नहीं ना?क्या गरीबों और वंचितों को मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष करना गलत है? गरीबी हर जाति धर्म में है।क्या गरीबी हटाना जातिवाद है? क्या गरीबी-बेरोजगारी हटाना देशभक्ति और राष्ट्रवाद नहीं है। हम समावेशी, सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति करते है। जिसमें सबका सहयोग और हिस्सेदारी रहे। हम Positive, Progressive और Scientific सोच के व्यक्ति है। हम सबने साथ बढ़ना है अन्यथा बिहार पीछे रह जाएगा। एकता में ही शक्ति है।
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