Tejashwi से मिले जमात-ए-इस्लामी हिन्द के नेता, क्या हुई बात

बिहार के उप मुख्यमंत्री Tejashwi Yadav से जमात-ए-इस्लामी हिन्द के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मिला। जानिए तेजस्वी से किन मुद्दों पर हुई बात।

राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से जमात-ए-इस्लामी हिन्द के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुलाकात की। इस मुलाकात में मुल्क के सियासी-सामाजिक हालात पर चर्चा हुई। इस बात पर जोर रहा कि किस प्रकार मुल्क और प्रदेश में विभिन्न धर्मों के बीच आपसी भाईचारा को मजबूत किया जाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि उनका दल राजद और उनकी सरकार बिहार में अमन-चैन तथा भाईचारा बनाए रखने के लिए हर तरह से सक्रिय है।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने विश्वास दिलाया है कि बिहार में कई वर्षों से जारी अल्पसंख्यक ऋण योजना को समाप्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश भी बरकरार रहेगा। जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही के नेतृत्व में बुध को उपमुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात के दौरान तेजस्वी प्रसाद ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ किसी प्रकार का अन्प्याय नहीं होगा।

मुलाकात के बाद मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति में मौलाना रिजवान अहमद ने बताया कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान अल्पसंख्यकों के लिए ऋण योजना को समाप्त किए जाने की आशंका की ओर तेजस्वी का ध्यान आकृष्ट किया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना के क्रियान्वयन में उत्पन्न की जा रही बाधाओं से भी उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया।

सनद रहे कि ऐसी खबरें मिल रही हैं कि अल्पसंख्यक ऋण योजना का रोजगार और शिक्षा से संबंधित सामान्य ऋण योजना में विलय कर दिया जाएगा। साथ ही, वक्फ संपत्ति पर अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण के लिए वक्फ संपत्ति को हस्तांतरित करने की भी शर्त लगाई जा रही है जबकि वक्फ की संपत्ति का हस्तांतरण किसी भी हाल में नहीं होता। इस कारण बेगूसराय में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण को स्वीकृति नहीं मिली। इससे पूर्व किशनगंज और दरभंगा समेत चार जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के निर्माण को स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।

मौलाना रिजवान अहमद ने बताया कि उन्होंने उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश के बारे में उत्पन्न किए जा रहे विवाद, महागठबंधन की पहली सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की तर्ज पर 2023-24 का बजट आवंटन और प्रदेश के सात मुस्लिम बहुल जिलों में आईआईटी और पारा मेडिकल काॅलेज खोलने की ओर उपमुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया।

जमाअत इस्लामी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री से कहा कि जब भाजपा के साथ नीतीश कुमार की सरकार चल रही थी तब अल्पसंख्यक ऋण योजना और अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय जैसी योजनाएं तथा शुक्रवार को छुट्टी जैसी परंपराएं समाप्त नहीं हुईं। अब जबकि राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की सरकार चल रही है तब अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाओं को समाप्त करने की खबरों पर अल्पसंख्यक वर्ग में चिंता का माहौल है।

मौलाना रिजवान अहमद ने बताया कि उपमुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की तमाम बातों को ध्यान से सुना और कहा कि वे जल्द ही तमाम मुद्दों का विवरण तलब करके आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वर्तमान सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय नहीं होगा। मुलाकात के दौरान राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी भी मौजूद थे।

जमात-ए-इस्लामी हिन्द के सूबाई सदर रिजवान इसलाही ने नौकरशाही डॉट कॉम ने पूछा कि उनका संगठन गैर-राजनीतिक है। क्या पहले के सदर भी मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री से मिलते रहे हैं, तो जवाब में जमात-ए-इस्लामी हिन्द के सूबाई सदर ने पिछले कई सदर के नाम गिनाए और कहा कि सभी सदर सियासी नेताओं से मिलते रहे हैं।

इस बीच राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने ट्वीट करके इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए तेजस्वी यादव का बयान जारी किया। तेजस्वी यादव ने कहा-जमात-ए-इस्लामी हिन्द के सुबाई सदर और इस तंज़ीम के दिगर ज़िम्मेदारान से अक़्लियत समाज के मसलों और मुल्क़ में क़ौमी एकता को मज़बूत करने पर ख़ुशनुमा गुफ़्तुगू हुई।

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By Editor


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