बिहार विधानसभा लगातार तीसरे दिन गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विपक्ष ने हंगामा किया। सदन में जब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव बोल रहे थे, तो भाजपा नेता और डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। राजद के भाई वीरेंद्र ने तुरत जवाब दिया। इसके बाद पूरा सदन हंगामे में डूब गया। सत्ता पक्ष ने तेजस्वी यादव के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
तेजस्वी यादव सदन में मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर किस प्रकार भाजपा ने घुसपौठिया के नाम पर बिहारवासियों झूठ बोला बता रहे थे, तो भाजपा के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि ये कब तक बोलता रहेगा। ये ही बोलेगा। इस तुम तड़ाक की भाषा पर राजद सदस्यों ने आपत्ति जताई। भाई वीरेंद्र ने कहा कि सदन किसी के बाप का नहीं है। इसके बाद पूरा सदन हंगामे में डूब गया।
तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कहा कि उन्होंने सदन में दो डिप्टी सीएम से पूछा कि उन्होंने सूत्रों के हवाले से कहा था कि राज्य में चल रहे मतदाता सत्यापन में लाखों बांग्लादेशी, म्यांमार के रोहिंग्या और नेपाली लोग मिले हैं, जबकि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दायर किया है उसमें एक भी बांग्लादेशी पाए जाने का जिक्र नहीं है। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि हजारों की संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता बीएलए बनकर आयोग को समर्थन कर रहे हैं, उन्होंने भी बांग्लादेशी नागरिक मिलने की पुष्टि नहीं की है। कहां गए डिप्टी सीएम के सूत्र। डिप्टी सीएम ने राज्य के लोगों को बरगलाने की कोशिश की। इस पर भाजपा सदस्य उखड़ गए और शोर मचाने लगे, लेकिन तेजस्वी के सवालों का जवाब नहीं दिया।
तेजस्वी यादव जब बोल रहे थे, तब नीतीश कुमार भी बोलने लगे, लेकिन उन्हें पता ही नहीं था कि किस विषय पर बात चल रही है। वे वही बात दुहराने लगे कि पहले कुछ नहीं था।